भीगी पलकें सुना रही कहानी

बोधन राम निषाद ‘राज’ कबीरधाम (छत्तीसगढ़)******************************************* भीगी पलकें सुना रही है,एक अनकही मौन कहानी।आँखों में शबनम की बूँदें,लगती प्यारी देख सुहानी॥ सपनों का अंबार लगा है,चैन नहीं मिलता है इनको।खोई रहती…

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स्वागतम् अभिनन्दनम्

डॉ.राम कुमार झा ‘निकुंज’बेंगलुरु (कर्नाटक) *********************************************** दुर्दीन पीड़ अवसादित मन,दुर्गम राहें बढ़ पायी हैं।जो धीर-वीर संयम साहस,द्रौपदी सबल बन पायी हैं॥ अछूत वर्ग आदिवासी कुल,कुलदीप बनी मुस्कायी है।संघर्ष मूर्ति बाधक…

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श्याम-वियोगिनी गोपियाँ

प्रो.डॉ. शरद नारायण खरेमंडला(मध्यप्रदेश) ******************************************* घन श्याम अजिर में बरस रहे, सखि री! घनश्याम नहीं आए।अम्बर में शम्बर गरज रहे, चपला चमके जी घबराए॥ दूरी को सहना है मुश्किल,खो गए…

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सृजन बना ईश वंदन

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा भार-१५ सृजन का नशा निराला है,शब्दों में इसे ढाला है।समझ सको तो तुम समझ लो,नहीं तो अक्षर काला है॥ प्रश्न करूं जब मैं वक्त से,कलम…

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तुम तो हो परदेस पिया जी…

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** सूने महल अटारी सूनी, मन का आँगन सूना है।तुम तो हो परदेस पिया जी, मेरा सावन सूना है॥ जबसे तुम परदेस सिधारे, मन को चैन नहीं…

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बरसात अभी आई नहीं

विजयलक्ष्मी विभा इलाहाबाद(उत्तरप्रदेश)************************************ सावन आ चुका, बरसात अभी आई नहीं।नभ में नाद लिये गीतों की बरसात अभी आई नहीं॥ क्या करें मेघ हठी चाँद निकल आता है,घटा पनिहारिनी का रंग बदल…

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करम के भरोसे…

हीरा सिंह चाहिल ‘बिल्ले’बिलासपुर (छत्तीसगढ़) ********************************************* करम के भरोसे रहता बेकार,मन जीवन के कर्म सजा ले।कर ले भव को पार॥ तन की काया, मन की माया,सब जाएंगे छूट।हाथ पसारे जाना…

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गीत प्रेम के मैंने गाए

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ उदयपुर(राजस्थान) *************************************** रचनाशिल्प:मात्रा २८, १६-१२ यति, अंत दो गुरू एक दूजे में हम रच गये, बनती गयी कहानी।गीत प्रेम के मैंने गाए, हो गयी मैं दिवानी॥ प्रेम पाश…

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मत शूल बनो तुम

सरफ़राज़ हुसैन ‘फ़राज़’मुरादाबाद (उत्तरप्रदेश) ***************************************** ख़ार बनो मत शूल बनो तुम,मत काग़ज़ के फूल बनो तुम।ले जाए हर आँधी जिसको,हरगिज़ मत वो धूल बनो तुम॥ अपने पथ पर बढ़ते जाओ,हर पल…

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शिखर पहुँच झंडा फहराएं

शंकरलाल जांगिड़ ‘शंकर दादाजी’रावतसर(राजस्थान) ****************************************** आओ हम इक गीत सुनायें,भारत माँ की कीरति गायें।भारत की प्राचीर हिमालाशिखर पहुँच झंडा फहरायें॥ दक्षिण सागर चरण पखारे,प्राची रवि आरती उतारेछाई है चहुं दिश हरियाली,प्राणों…

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