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‘अटल’ जिंदगी:स्पर्धा में डॉ. रामकुमार झा ‘निकुंज’ ने पाया पहला स्थान

दूसरे विजेता हमीद कानपुरी ‘अब्दुल हमीद इदरीसी’ और तीसरे बने संजय वर्मा ‘दृष्टि’

इंदौर (मप्र)।

हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार द्वारा निरन्तर स्पर्धा कराने के क्रम में ६० वीं स्पर्धा ‘अटल’ जिंदगी विषय पर कराई गई। ‘भारत रत्न’ अटल जी पर आधारित इस स्पर्धा में पद्य वर्ग में डॉ. रामकुमार झा ‘निकुंज’ ने पहला स्थान पाया है।
मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। आपने बताया कि हिंदी साहित्य अकादमी (मप्र) से अभा पुरस्कृत एवं १ राष्ट्रीय कीर्तिमान-६ सम्मान प्राप्त १.५१ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पाने वाले इस मंच द्वारा आयोजित उक्त स्पर्धा में निर्णायक मंडल ने पद्य वर्ग में प्रथम स्थान पर डॉ. झा (दिल्ली) की रचना ‘अटल कर्मपथ अविरत जीवन’ को माना है। इसी वर्ग में रचना ‘अटल हमारे अटल तुम्हारे’ के लिए हमीद कानपुरी ‘अब्दुल हमीद इदरीसी’ (उप्र) को दूसरा विजेता चुना गया है, जबकि तीसरा स्थान ‘वो खरे उतरे’ के लिए संजय वर्मा ‘दृष्टि’ (मप्र) ने प्राप्त किया है।
मंच की संयोजक डॉ. सोनाली सिंह, मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’,
सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक बधाई दी है।
श्रीमती जैन ने बताया कि, गद्य वर्ग में उपयुक्त रचना नहीं होने से यह निरंक है।

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