डोली शाह
हैलाकंदी (असम)
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शिक्षक दिवस विशेष…
माँ देती जन्म हमें,
पिता देता साया हमें
लेकिन गुरु देता सबसे अनमोल ज्ञान,
सिखाता मानवता का पाठ हमें।
मानो गुरु एक है शिल्पकार,
देते कच्ची मिट्टी को आकार-प्रकार
हैं भाग्य विधाता हमारे वे,
ज्ञान का अविरल स्रोत जहाँ।
सत्य-न्याय के पथ पर चलना,
जीवन के हर संघर्ष से सिखाते लड़ना गुरु हमारे
सिखाते हैं हमें खुद पर विश्वास करना,
पा सकते हैं हम हर मंजिल
यह दृढ़ संयम खुद पर बनाए रखना।
जिसे मिले गुरु का प्रकाश सही,
होता ना जीवन अंधकार कभी
है गुरु की शिक्षा नि:स्वार्थ सदा,
मिटा देते खुद को, हमें बनाने में,
नवजीवन व आकार सही।
कहते हैं-गुरु ब्रह्मा, विष्णु, महेश के प्रतिरूप हैं,
गुरु हमारी धरती माँ के स्वरूप हैं।
शीश झुका कर श्रद्धा से हम करें नमन सदा,
ऐ नवयुवकों, हो जाए जीवन उज्ज्वल हमारा॥