हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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वही सच्चा साथी होता है,
जो दु:ख-सुख में साथ दे
जो एक-दूसरे का कभी भी साथ ना छोड़े,
क्योंकि दोस्त ही हमारा अपना होता है।
उसकी दोस्ती सच्ची,
जो अपने दोस्तों को कभी नहीं भूलता
दो जिस्म जरूर होते हैं, पर एक जान हैं,
वही हमारा सच्चा दोस्त जो अपना होता है।
रिश्ते तो बहुत हैं दुनिया में,
दोस्ती के आगे सब बेरंग
दोस्त और उसकी दोस्ती रंगों का आसमान,
वही हमारा सच्चा दोस्त जो अपना होता है।
दुनिया के हैं अलबेले रास्ते,
उतार-चढ़ाव है ज़िंदगी
इस भंवर में जो साथ दे वही दोस्ती,
क्योंकि हमारा सच्चा दोस्त जो अपना होता है।
कृष्ण-सुदामा की वह पक्की दोस्ती,
जो जीवन के हर एक पल में याद रहती है
दोस्त कोई भी हो, दोस्ती हमेशा साथ रहती है,
क्योंकि हमारा सच्चा दोस्त जो अपना होता है॥