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प्रकृति अद्भुत कलाकार

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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प्रकृति एक बेहतरीन,
खूबसूरत कलाकार है
कल्पना नहीं,
कर सकते हैं
वास्तविक दुनिया की,
अद्भुत चित्रकार है।

क्या यहां है,
कोई प्रकृति से बढ़कर
कोई कलाकार यहां ?
नहीं-नहीं कदापि नहीं,
प्रकृति की शिल्पकारी
अनमोल अनूठा और,
अद्भुत चमत्कार
सदैव दिखता है खूब यहां।

प्रकृति की सदाबहार,
आँखें पवित्र व निश्चल होती है
ज़ोरदार हवाओं के द्वारा,
ज़मीं हुईं रेत को
तराशकर उसे,
नई शक्ल देने का
हुनर और हिम्मत,
मजबूती से हर कदम पर
हरपल रखती है।

प्रकृति के हैरतअंगेज,
कारनामों से दिल को
खूब तसल्ली मिलती है,
आकृतियां अस्थाई रहती हैं
परन्तु थोड़े पल में भी,
दुनिया भर की खुशियाँ
दामन में भर देती है।

प्रकृति से बनीं आकृतियां,
हवाओं से खूब टकरातीं है
कभी-कभी ठंड बर्फ़ीली,
हवाओं से ही ख़ुद
नेस्तनाबूद हो जाती है,
अक्सर सर्दियों में
हवाओं के साथ,
उड़ती हुई बर्फ
ज़िन्दगी में खूब,
सुकून दे जाती है।
प्रकृति प्रेम-भाव में पली-बढ़ी,
ज़िन्दगी में खूब
खुशियाँ लेकर,
अपने-आप आ जाती है॥

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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