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फूलों को करीब से देखा है मैंने

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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जमाने के दस्तूर से इतर,
मैंने फूलों से मोहब्बत की है
हर दिन यहां प्यार की महक,
अपार मिलती है मुझे दिल से यहां।

फूलों की दुनिया हमें,
सुकून और खुशियों के संसार में
जीने की उम्दा खुशियाँ देते हुए,
मिलकर साथ रहने की,
खूबसूरत सोहबत देती है।

नजदीकी रिश्ते बन चुकी है,
अब मेरी छत के उपर तल्ले पर यहां
फूलों से सोहबत बेमिसाल है,
यह रवायत मेरी तरफ से
सुबह से शाम तक,
कभी-कभी रात के अंधेरे में
आसमां में चाँद का दीदार करते हुए,
बेपनाह मोहब्बत करने की ख्वाहिश से
हमने मिलने-जुलने की,
अज़ीज़ दोस्तों से सोहबत रखने की
मुकम्मल ज़िन्दगी के लिए रस्म बन चुकी है।

सुकून और खुशियाँ पाने की,
बेहतरीन जमीन तलाश ली है
कौन कहता है कि फूलों में,
अपनापन नहीं दिखता है इस जहां में यहां ?
जनाब दोस्ती कर माली बनकर खिदमत करें,
हर रस्म अदायगी की बेहतरीन जगह,
खूबसूरत तन और मन को मिलती है।

जब आप करीब आएंगे,
तभी आप इनकी शख्सियत व
अदब और तहजीब की तासीर
पहचान पाएंगे।

इनकी अदाएं और सोहबत,
बिल्कुल अलग किस्म की दिखती है
दुनिया में ऐसा माहौल और मिसाल,
देखने को कभी-कभी ही हमें मिलती है।

तीनों पहर हम साथ-साथ रहते हैं,
खुशियाँ बांटने में हम एक-दूसरे के लिए
लम्हे को नजरंदाज करते हुए,
बड़े इत्मीनान से मिलते हैं
वक्त वे वक्त एक-दूसरे की,
हर लम्हे कुछ गलतियाँ होने पर
हमें बिलकुल साथ रहने की,
मुतमईन रहते हुए मेरे सामने,
मन से मिजारत करते रहते हैं।

कोई खूबसूरत अदाओं से दीवाना,
बनाने में कामयाब होने की जरूरत
के साथ फूलों से मोहब्बत का,
बेशकीमती व उम्दा मतलब बताता है
कोई ज़िन्दगी में सुकून और खुशियाँ पाने का,
बेहतरीन अंदाज में जीना सिखाता है।

आओ हम सब मिलकर यहां,
एक सुंदर सलीका अपनाते हुए
फूलों से मोहब्बत कर लें,
जिंदगी में आगे सुकून व खुशियाँ
पाते हुए खुद के अंदाज में,
सही तरीके से वक्त बिताने का
सुंदर सलीका अपना लें।
फूलों से मोहब्बत करने की,
मन के आँगन में सोहबत भर लें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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