मानसी श्रीवास्तव ‘शिवन्या’
मुम्बई (महाराष्ट्र)
******************************************
लोकतंत्र से बना यह भारत,
गणतंत्र है इसकी विरासत।
विश्व का सबसे बड़ा है संविधान,
भारतीयों से है जिसकी पहचान।
‘सोने की चिड़िया’ बोलो या कहो हिंदुस्तान,
कण-कण में है यहाँ भारत की शान।
चला है मनाने अपना यह ७६वां गणतंत्र,
राजपथ पर दिखेगी देश की भव्य तस्वीर।
झांकियाँ दिखेंगी विरासत की,
तीन रंगों में रंगेगा महा नभ भी।
भव्य सैन्य बल की परेड होगी,
वीरता के पल की अनुभूति होगी।
सम्मानित होंगे देश के वीर जवान,
जिनका लक्ष्य होता है भारत की शान।
सभ्यता के साथ-साथ आधुनिकता है,
यह हमारे देश की सफलता है।
अब विश्व में पहचान बनाने की आवश्यकता नहीं,
विश्व भारत को ‘विश्व विजेता’ मान रहा है।
उद्गम है यहाँ भव्य नदियों का,
संगम है यहाँ पावन धर्मों का।
इस दिन का रहता है पूरे विश्व को इंतजार,
कुछ है ही ऐसा हमारा राष्ट्रीय त्योहार।
मिलकर मनाएं जश्न अपने अखंड भारत का,
संरक्षण करते रहे अपनी सभ्यता और विरासत का॥