कुल पृष्ठ दर्शन : 14

You are currently viewing मतलब का सब काम

मतलब का सब काम

सरोजिनी चौधरी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
**************************************

झूठ, फ़रेबी, चोरी, डाका,
यही रहा अब काम यहाँ
मतलब से सब मिलें मिलाएँ,
मतलब का व्यापार यहाँ।

सब्ज़ी, फल या दूध मिठाई,
किस-किसकी मैं करूँ बढ़ाई
एक से बढ़कर एक बिक रहा,
बढ़ा-चढ़ा कर दाम बिक रहा।

डॉक्टर का सब काम बिक रहा,
ऑपरेशन का चार्ट बिक रहा
नर्स, दवाई, पानी बोतल,
अस्पताल का नाम बिक रहा।

शिक्षा भी तो हो गई ओछी,
चाहे छोटी क्लास हो ऊँची
डोनेशन पर काम चल रहा,
डिग्री का व्यापार चल रहा।

जिधर देखिए उधर है चोरी,
करते सब छुप-छुप कर चोरी।
झूठ बोलते खुल्लमखुल्ला,
पण्डित हो फिर या हो मुल्ला॥