डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी
जबलपुर (मध्यप्रदेश)
***********************************
गीत की माला अधर पर, हाथ में माँ फूल है,
गा रहा हूँ गीत तेरे, हृदय में पर शूल है
बस करूँ सेवा तुम्हारी, ये हमें वरदान दे,
माँगता मैं कुछ नहीं हूँ, ज्ञान का माँ दान दे।
छा गया है घोर तम माँ, कुछ नजर आता नहीं,
खो गयी है राह कोई, राह बतलाता नहीं।
है सहारा माँ तुम्हारा, हम सहारा माँगते,
चरण की बस धूल माथे, पर लगाना चाहते॥
परिचय– डॉ. अनिल कुमार बाजपेयी ने एम.एस-सी. सहित डी.एस-सी. एवं पी-एच.डी. की उपाधि हासिल की है। आपकी जन्म तारीख २५ अक्टूबर १९५८ है। अनेक वैज्ञानिक संस्थाओं द्वारा सम्मानित डॉ. बाजपेयी का स्थाई बसेरा जबलपुर (मप्र) में बसेरा है। आपको हिंदी और अंग्रेजी भाषा का ज्ञान है। इनका कार्यक्षेत्र-शासकीय विज्ञान महाविद्यालय (जबलपुर) में नौकरी (प्राध्यापक) है। इनकी लेखन विधा-काव्य और आलेख है।