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‘मेरे देश का किसान’ पर डॉ. सरला सिंह व गोवर्धन दास बिन्नाणी बने प्रथम विजेता

इंदौर(मप्र)।

देशव्यापी किसान आंदोलन के बीच हिंदी लेखन को बढ़ावा,कोपलों को प्रोत्साहन और मातृभाषा हिंदी के सम्मान की दिशा में हिंदीभाषा डॉट कॉम परिवार ने प्रयास सतत जारी रखते हुए इसी निमित्त ‘मेरे देश का किसान’ (अंतरराष्ट्रीय किसान दिवस) विषय पर स्पर्धा आयोजित की। इसमें प्रथम स्थान गद्य में गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू'( राजस्थान)को मिला है,जबकि पद्य में डॉ. सरला सिंह ‘स्निग्धा’ ने सफलता प्राप्त की है।
इस ४१ वीं स्पर्धा के परिणाम जारी करते हुए मंच-परिवार की सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन और संस्थापक-सम्पादक अजय जैन ‘विकल्प’ ने यह जानकारी दी। आपने बताया कि,कई प्रविष्टियों में से श्रेष्ठता अनुरुप चयन करके निर्णायक मंडल ने पद्य विधा में दिल्ली वासी डॉ. सरला सिंह की रचना ‘सेना समान किसान’ को उत्कृष्ट माना है। इसी वर्ग में दूसरे स्थान पर डॉ. कुसुम डोगरा (पंजाब) को विजेता घोषित किया गया है। इसी प्रकार तीसरा पुरस्कार ‘पीड़ा का लें संज्ञान’ रचना पर आशा आजाद ‘कृति'(छग) ने प्राप्त किया है।
१.३६ करोड़ दर्शकों-पाठकों का अपार स्नेह पा रहे इस मंच की संयोजक सम्पादक प्रो.डॉ. सोनाली सिंह,मार्गदर्शक डॉ. एम. एल. गुप्ता ‘आदित्य’, सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता'(छग) ने सभी विजेताओं व सहभागियों को हार्दिक शुभकामनाएं-बधाई देते हुए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया है।
सह-सम्पादक श्रीमती जैन ने बताया कि,स्पर्धा के अन्तर्गत गद्य श्रेणी में लगातार जीतने वाले राजा बाबू की रचना ‘किसानों को समृद्ध बनाने में बहुत कुछ करना बाकी’ प्रथम रही तो दूसरी विजेता शशि दीपक कपूर(महाराष्ट्र)की रचना ‘किसने किस पर हद कर दी…!’ रही।

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