बबीता प्रजापति ‘वाणी’
झाँसी (उत्तरप्रदेश)
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रोशनी से जिंदगी….

जैसे जग है रौशन,
सूर्य के प्रकाश से
और गगन है रौशन,
चन्द्र के उजास से।
रौशन होते हैं दिल,
प्रेम-स्नेह-उल्लास से
रिश्ते होते हैं रौशन,
एक दुजे पे विश्वास से।
प्रेम पल्लवित हो,
दिल के पास से
रात होती है रौशन,
दीयों के उजास से।
पेड़ होते हैं रौशन,
टेसू और पलाश से।
रौशनी जीवन रौशनी बन्दगी है,
रौशनी है तो जिंदगी है॥