अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
******************************************
नाम सिद्धार्थ,
सत्य अहिंसा मूर्ति-
देखा सत्यार्थ।
अहिंसा वीर
आ जाओ महावीर-
सदैव धीर।
जन्मे वैशाली
जटिल साधना से
पा ली मंजिल।
ध्यान साधना
सहज महावीर
सत्य प्रार्थना।
सिखाया तप
नश्वर तन-मन
समझो मौन।
है अवतार,
तज दिया शासन
हैं महावीर।
धीर विनय,
पथ दिखा जग को-
वीर तनय।
गुणों की ख़ान,
तीर्थंकर चौबीस-
रहे महान।
फैलाया धर्म,
अपना महाव्रत-
सिखाया धर्म।
सबको आस,
अल्पायु राज त्याग-
पथ संन्यास॥