जबलपुर (मप्र)।
डॉ. सुमित्र जैसे साहित्य साधक विरले ही होते हैं। उन्होंने लगभग साढे़ सात दशक तक साहित्य, पत्रकारिता और समाज की अप्रतिम सेवा की। डॉ. सुमित्र अपने में एक युग थे, समूचा साहित्य, संस्कृति और इतिहास थे।
उक्त तदाशय के उदगार पाथेय संस्था के तत्वावधान में विविध संस्थाओं की संयुक्त सुमित्र श्रद्धांजलि सभा में मनीषियों ने व्यक्त किए। डॉ. कृष्णकांत चतुर्वेदी के सानिध्य में इस सभा की अध्यक्षता आचार्य भगवत दुबे ने की। प्रारंभ में परिवार से निर्मिला तिवारी, डॉ.मोहिनी तिवारी, कामना कौस्तुभ ने दीप प्रज्जवलित किया।
राजेश पाठक के संचालन में वरिष्ठ पत्रकार श्याम कटारे, डॉ. हरिशंकर दुबे, साधना उपाध्याय सहित भाजपा से अखिलेश जैन, निगम अध्यक्ष रिंकू विज और डॉ. स्वाति सदानंद गोडबोले आदि ने डॉ. सुमित्र की जीवन साधना पर प्रकाश डालते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की।
समारोह में मिलन, कादम्बरी, त्रिवेणी परिषद और लेखिका संघ, हिन्दी सेवा समिति आदि संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने भी श्रद्धासुमन समर्पित किए।