कुल पृष्ठ दर्शन : 50

You are currently viewing ६ बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कार घोषित
Oplus_131072

६ बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कार घोषित

भोपाल (मप्र)।

मध्यप्रदेश की ६ बोलियों के साहित्यिक कृति पुरस्कार वर्ष २०२२ एवं २०२३ के पुरस्कारों की घोषणा साहित्य अकादमी (मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल) द्वारा कर दी गई है। इसमें प्रति पुरस्कार ५१ हजार ₹ के साथ शाॅल, श्रीफल, स्मृति चिह्न और प्रशस्ति के साथ रचनाकारों को अलंकृत किया जाएगा।
अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने बताया कि ६ बोलियों (मालवी, निमाड़ी, बघेली, बुंदेली, भीली और गोंडी) के साहित्यिक कृति पुरस्कारों की घोषणा के अंतर्गत २०२२ हेतु ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार रजनीश दवे की कृति ‘आस की ओसारी’, ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार विजय कुमार जोशी की कृति ‘आस तीस का लाड़ू’, ‘बघेली’ के लिए विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार सीताशरण गुप्त की कृति ‘जगन्नाथ केर परसाद’ व ‘बुंदेली’ के लिए श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार पं. मनीराम शर्मा की कृति ‘हम हैं इन गाँवन के ठौर के’ को दिया गया है। ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई है।
आपने बताया कि वर्ष २०२३ हेतु ‘मालवी’ के लिए संत पीपा स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई। ‘निमाड़ी’ के लिए संत सिंगा जी स्मृति पुरस्कार राकेश गीते की कृति ‘गुड़ की गाँगड़ी’, ‘बघेली’ के लिए श्री विश्वनाथ सिंह जूदेव स्मृति पुरस्कार चन्द्रिका प्रसाद ‘चन्द्र’ की कृति ‘रिस्तन केर निबाह’, ‘बुंदेली’ के लिए श्री छत्रसाल स्मृति पुरस्कार मनोज कुमार तिवारी की कृति ‘बोल बुन्देली’ को दिया गया है। ‘भीली’ टंट्या भील स्मृति पुरस्कार एवं ‘गोंडी’ रानी दुर्गावती स्मृति पुरस्कार हेतु कोई भी कृति प्रविष्टि के रूप में प्राप्त नहीं हुई है। आपने सभी सम्मानितों को बधाई दी है।