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अभी लंबा सफर तय करना है लघुकथा विधा को

इंदौर (मप्र)।

आज जमाना कम शब्दों में बात कहने और सुनने का है। व्यस्तता भरी जिंदगी में से जब इंसान कुछ पढ़ने और सुनने का समय निकालता है, तो चाहता है कि संक्षिप्त और सारगर्भित कुछ पढ़ने-सुनने को मिल जाए। ऐसे में लघुकथा विधा की लोकप्रियता तेजी से बढ़ी है। लघुकथाकारों की जिम्मेदारी है कि, वह आसान दिखने वाली इस कठिन विधा की लोकप्रियता पाठकों के बीच और बढ़े, यह प्रयास करें। लघुकथा विधा को अभी लंबा सफर तय करना है।
विचार प्रवाह साहित्य मंच द्वारा रविवार को आयोजित लघुकथा अधिवेशन में उक्त विचार उभरे। इंदौर प्रेस क्लब के राजेंद्र माथुर सभागृह में इस अधिवेशन में विभिन्न सत्रों में लघुकथा के वर्तमान, भविष्य और लघुकथा में मानवीय मूल्य विषय पर चिंतन, मनन और संवाद हुआ। वरिष्ठ लघुकथाकार सूर्यकांत नागर को लघुकथा विधा में विशिष्ट योगदान के लिए सम्मान सहित वरिष्ठ गीतकार नरहरि पटेल और वरिष्ठ कवि रामचंद्र अवस्थी को पं. श्रीधर जोशी स्मृति सम्मान प्रदान किया गया।
शुभारंभ सत्र में उस्ताद अलाउद्दीन खां संगीत और कला अकादमी के निदेशक जयंत भिसे मुख्य अतिथि रहे। वरिष्ठ साहित्यकार श्री नागर ने अध्यक्षता की। वरिष्ठ लेखिका श्रीमती माया बदेका विशेष अतिथि रहीं। स्वागत भाषण मंच की संस्थापक अध्यक्ष सुषमा दुबे ने दिया। संस्था का परिचय मंच के अध्यक्ष मुकेश तिवारी ने दिया। संचालन श्रीमती अर्चना मंडलोई ने किया।
विमर्श और संवाद सत्र में वरिष्ठ लघुकथाकार पुरुषोत्तम दुबे, डाॅ. योगेंद्रनाथ शुक्ल व श्रीमती मीरा जैन आदि ने विचार मंथन किया। सुषमा व्यास ने संचालन किया। आभार डाॅ. ज्योति सिंह ने माना।
समापन सत्र में वरिष्ठ लघुकथाकार श्रीमती सीमा व्यास मुख्य अतिथि रहीं।संचालन माधुरी व्यास ने किया।