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अविनाश बंधु सशक्त कवि, रचनाओं में पर्याप्त भक्ति भावना-सिद्धेश्वर

पटना (बिहार)।

अविनाश बंधु की खासियत है कि, वे सिर्फ अभिनेता नहीं, बल्कि एक सशक्त कवि भी हैं, जिनकी कविताओं में एक तरफ सामाजिक विसंगतियाँ दिखती हैं, तो दूसरी तरफ पर्याप्त भक्ति भावना।
भारतीय युवा साहित्यकार परिषद के तत्वावधान में यू-ट्यूब चैनल पर कवि सम्मेलन का संचालन करते हुए परिषद के अध्यक्ष और साहित्यकार सिद्धेश्वर ने उपरोक्त उद्गार व्यक्त किए। उन्होंने छोटी-छोटी गोष्ठियों को पाठशाला करार देते हुए कहा कि, हम इनसे सृजनात्मकता का संवर्धन कर सकते हैं। एक-दूसरे को सिखला सकते हैं।
इस आभासी सम्मेलन की अध्यक्षता करते हुए कवयित्री डॉ. नीलू अग्रवाल ने कहा कि, कवि सम्मेलन का आयोजन करना सिद्धेश्वर जी का एक बेहतरीन प्रयास है।
मुख्य अतिथि गीतकार और गायक अविनाश बंधु ने एक से बढ़कर एक गीतों का पाठ किया। इन्होंने कहा कि, मैं पहले गीत लिखता नहीं, गुनगुनाता हूँ, और फिर शब्दों की माला में पिरोते हुए गीत बनाता हूँ। अविनाश बंधु ने होली पर कई लोक गीत प्रस्तुत किए।
परिषद की जनसम्पर्क पदाधिकारी बीना गुप्ता ने बताया कि, सम्मेलन में डॉ अग्रवाल, दुर्गेश मोहन, डॉ. अनुज प्रभात, सपना चंद्रा एवं प्रो. शरद नारायण खरे आदि ने भी इंद्रधनुषी रंग-बिरंगी कविताओं की प्रस्तुति दी।