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आजादी का सूर्य नहीं होगा अस्त

श्रीमती देवंती देवी
धनबाद (झारखंड)
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गणतंत्र दिवस विशेष….

सुनो आजाद देश के सपूतों,
दे दिया आजाद देश,शहीदों
बिन छुए खड़क बिना ढाल,
ले के तिरंगा देश को संभाल।

बनना होगा अब तुम्हें राम,
देश हित का करना है काम
गौर करो तुम,ए हिन्दुस्तानी,
सरहद पे बही,खून,कुर्बानी।

शहीदों का त्याग नहीं भूलना,
उनके ही रास्तों को अपनाना
हाथों में जो लिए हो राष्ट्रध्वज,
राष्ट्रध्वज का सम्मान बढ़ाना।

गद्दारों से अपने देश को बचाना,
खून दिए हैं शहीदों,लाज रखना
ये पावन पुण्य धरा सिर्फ मेरी है,
वीरयोद्धा का दिया भूमि मेरी है।

चाॅ॑द-सूरज गगन में अमर रहेगा,
तब तक शहीदों का नाम रहेगा।
२६ जनवरी हो,या १५ अगस्त,
आजादी का सूर्य नहीं हो अस्त॥

परिचय– श्रीमती देवंती देवी का ताल्लुक वर्तमान में स्थाई रुप से झारखण्ड से है,पर जन्म बिहार राज्य में हुआ है। २ अक्टूबर को संसार में आई धनबाद वासी श्रीमती देवंती देवी को हिन्दी-भोजपुरी भाषा का ज्ञान है। मैट्रिक तक शिक्षित होकर सामाजिक कार्यों में सतत सक्रिय हैं। आपने अनेक गाँवों में जाकर महिलाओं को प्रशिक्षण दिया है। दहेज प्रथा रोकने के लिए उसके विरोध में जनसंपर्क करते हुए बहुत जगह प्रौढ़ शिक्षा दी। अनेक महिलाओं को शिक्षित कर चुकी देवंती देवी को कविता,दोहा लिखना अति प्रिय है,तो गीत गाना भी अति प्रिय है।

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