सपना सी.पी. साहू ‘स्वप्निल’
इंदौर (मध्यप्रदेश )
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भाग १…
हिमालय की सुपुत्री,
आदिशक्ति शैलपुत्री
करें माँ की जयकार,
वृषभ सवारी है।
प्रथमा बन पुजाती,
हैमवती कहलाती
शंकर की अर्धांगिनी,
शक्ति शुभकारी है।
प्रिय लगे रंग लाल,
गुड़हल पुष्पमाल
पहने चंद्रचकोरी,
शैलपुत्री न्यारी है।
त्रिशुल, कमल धारे,
देवता भी गर्व हारे
योग साधना की देवी,
हरती लाचारी है।
देवी उमंग भरती,
ऋद्धि-सिद्धि, सुख देती
कामनाएं पूर्ण करें,
अम्बे उपकारी है॥