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आभासी माध्यम से किया ४४६ वें नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन

हैदराबाद(तेलंगाना)।

केंद्रीय हिंदी संस्थान (हैदराबाद) पर तमिलनाडु राज्य के हिंदी प्रचारकों एवं अध्यापकों के लिए ४४६वें ऑनलाइन नवीकरण पाठ्यक्रम का समापन समारोह आभासी माध्यम से हुआ। अध्यक्षता प्रो. नारायण कुमार (शासी परिषद सदस्य,केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल,आगरा) ने की।
मुख्य अतिथि राहुल देव(मंडल सदस्य, केंद्रीय हिंदी शिक्षण मंडल,आगरा) उपस्थित रहे। संस्थान( हैदराबाद केंद्र)के क्षेत्रीय निदेशक डॉ. गंगाधर वानोडे(पाठ्यक्रम संयोजक)ने बताया कि,गणेश स्तुति तथा सरस्वती वंदना गीत से कार्यक्रम आरंभ हुआ। डॉ. वानोडे ने अतिथियों का स्वागत किया।
हिंदी प्रचारक सुषमा ने प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि,इस कार्यक्रम से हम हिंदी प्रचारकों-अध्यापकों के लिए सबसे बड़ा अवसर प्राप्त हुआ। हिंदी में रोजगार की संभावनाएँ और उसके माध्यम से इन सब विषयों से परिचित हुए।
अध्यक्ष प्रो. कुमार ने कहा कि,डॉ. राधा कृष्णन ने कहा कि भारतीय साहित्य एक है जो अलग-अलग लिपियों में लिखा जा रहा है,इसीलिए भारतीय भाषाएँ भी एक हैं।
मुख्य अतिथि श्री देव ने बताया कि,दक्षिण में गांधी जी से क्या संबंध था। हिंदी शिक्षा से क्या संबंध था। दक्षिण में हिंदी के प्रति तो गांधी जी ने अपने छोटे बेटे को समर्पित कर दिया। यह काम इस देश को जोड़ने का,इस देश को एक करने का है। हिंदी भाषा का कार्य करना अर्थात देश की सेवा करना है।
संचालन हिंदी प्रचारक पी. तंगपाण्डियन ने किया। हिंदी प्रचारक श्रीमती सहाय मेरी ने आभार माना।
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