इं. हिमांशु बडोनी
पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड)
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नया उजाला – नए सपने…
आशा की आभा से भरा रहे, नववर्ष का हर पल,
नए उजाले-नए सपनों संग, बीते आज व कल।
ख़ूब फूले-फले सम्मान, सद्भाव व प्रेम नि:श्छल,
मिटे अभाव, हटे प्रभाव, सब कपट, प्रपंच, छल।
जटिलताएं सुलझ जाएं, उन्हें मिले समुचित हल,
यूँ मित्रों का साथ मिले, बैरी खाली हाथ रहे मल।
जीवन में पीड़ा रहें गौण या मिले दुविधा सकल,
सब परिस्थितियों में फैसलों पर रहना तुम अटल।
जय-विजय, रिद्धि-सिद्धि, बस परिश्रम के हैं फल,
इससे ही पहचान है मिलती, हो बैकुंठ या धरातल॥
परिचय –इं. हिमांशु बडोनी की जन्मभूमि जिला पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड) है। २५ जून १९९४ को जन्म लेने वाले हिमांशु बडोनी ने सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा व बी. टेक. की शिक्षा प्राप्त की है। वर्तमान में प्रतियोगी परीक्षाओं हेतु अध्ययनरत हैं। इनकी साहित्यिक यात्रा देखें तो मुख्यत: काव्य रचते हैं। २०११ से लेखन प्रारंभ करते हुए करीब १२० रचनाएं लिखी हैं। उपलब्धि एवं सम्मान के रूप में ‘हिन्दी गौरव सम्मान- २०२२’, ‘ब्रज गौरव अवार्ड-२०२३’, ‘विश्व हिंदी रत्न सम्मान-२०२३’ व राष्ट्रीय स्वर्णाक्षर सम्मान-२०२२’ आदि से पुरस्कृत हुए हैं। साहित्य सहभागिता के नाते विभिन्न अवसरों पर काव्य गोष्ठी व सम्मेलनों में सक्रिय भागीदारी करते हैं। कई समाचार पत्रों व स्थानीय पत्रिकाओं में भी २०१७ से रचनाओं का प्रकाशन जारी है। विभिन्न साहित्यिक समूहों से सक्रियता से जुड़े हुए हैं और सहभागिता जारी है।