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कर्मयोगी को नमन

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जन्मदिन विशेष…

शुद्ध हृदय से आभार,
यह है कर्मयोगी का अवतार
कुशलता से निपटने की है धार,
करते हैं सबको प्यार।

सबको साथ-साथ,
यह रखते हैं हरपल साथ
हृदय पुष्प से हैं स्वीकार्य,
कहलाते हैं पुष्प से अर्पित करते हैं
हरक्षण नि:स्वार्थ।

अनसुनी कहानियाँ हैं इसकी,
यहाँ हैं एक लम्बी कतार
सबमें दिखता है अपनत्व यहाँ,
यह हैं सबसे खूबसूरत अवतार।

समाज उत्थान है इनका काम,
कामयाबी हासिल करके आप
महानायक हैं बनें वह आज,
नहीं दिखा कोई अभिमान।

हैं जन-जन की सपनों की आवाज,
नि:स्वार्थ भाव से सेवा में हैं रहते
उत्तम पुरुष हैं आज साथ,
दुनिया के दस्तूर बदल दिए
आज हैं सबके दिलों में बसे हुए नाथ।
मुश्किल वक्त में भी दिल से साथ,
नहीं रहा है कोई उनका स्वार्थ
वैश्विक स्तर पर आज़ है नाम,
अविस्मरणीय संस्मरण बनकर हैं आज।

जनमानस को हैं स्वीकार्य,
बनकर एक भारतीय आवाज
हमें आज आते हैं याद।
हर भारतीयों को लगता है
मानो हो रहा है सबसे संवाद॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।