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कर हौंसला बुलंद

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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उठ! कर हौंसला बुलंद,
तूफानों से अब क्या घबराना ?
जीवन में कुछ ऐसा कर,
कि याद करे तुझे ज़माना।

मंजिल चाहे दूर ही सही,
जन-जन को है तुझे जगाना
छल-कपट से दूर ही रहना,
कर्तव्य पथ पर बढ़ते जाना।

मन का आँगन सूना न हो,
दिल में अपने प्रेम जगाना
सत्य की राह सदा सुखदायी,
सबको यही सबक सिखाना।

निकल न पाए मर्म के आँसू,
प्यार से दीन को गले लगाना
अधिकारों से वंचित ना हो,
सबको अपना हक़ दिलाना।

छोटा-बड़ा कुछ नहीं होता,
ऊँच-नीच का भेद मिटाना।
सच्चाई की राह पर चलकर,
अपना जीवन सफल बनाना॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।