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कृष्ण

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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वो सुंदर सलोना प्यारा श्याम है।
ब्रज में रहता उसका ही धाम है।
वो गोकुल की गलियां भी उसकी है,
मोहन,राधे कृष्ण उसका ही नाम है।

मोर मुकुट से सजा मुखड़ा और प्यारा।
गोपियों के प्रेम में जग उसका सारा।
आँखों में काजल सांवला रंग उसका,
कान्हा की सुंदरता से जग भी हारा।

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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