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कोना-कोना स्वर्ग हो

बोधन राम निषाद ‘राज’ 
कबीरधाम (छत्तीसगढ़)
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कोना-कोना स्वर्ग हो,करना ऐसा काम।
हरियाली चहुँओर हो,महके सुमन तमाम॥
महके सुमन तमाम,सुगन्धित हो जग सारा।
सबसे सुन्दर देश,बने यह भारत प्यारा॥
कहे ‘विनायक राज’,बीज तुम ऐसा बोना।
सबके दिल में प्यार,बसे महके हर कोना॥

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