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क्यों हमको तरसाए रे

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
बिलासपुर (छतीसगढ़)
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ओ मेघा रे…

ओ मेघा रे, क्यों हमको तरसाए रे,
अब के बरस कब होंगे तेरे दरस ओ मेघा रे
छम-छम करता तू धरती पर स्फूर्ति से आजा रे,
प्यासी वसुधा की प्यास त्वरित बुझा जा रे।

घनघोर घटा अम्बर पर छा गई,
कड़कती बिजली के तीर चल रहे
ओ मेघा रे अब देर न कर, आ रे,
अपनी छटा बिखेरने धरती पे उतर।

सारे इत्रों की खुशबू आज मंद पड़ गई,
मिट्टी में मेघा की बूँदें जो चंद पड़ गई
तपती धूप से हाल बेहाल था हर ओर,
मिट्टी की सोंधी खूशबू जैसे कम पड़ गई।

काले मेघा, काले बदरा आसमां से बरस गए,
कभी सूरज की किरणों के साथ लुका-छुपी किए
बांट जोते हलधर के जीवन में एक आस भर गए,
सखियों को सावन के झूले उल्लासित कर रहे।

उमड़-घुमड़ कर बरसे मेघा, ओ रे मेघा,
हरियाली की धानी चुनर ओढ़ा के
बहते झरने, नदियाँ, झील, सरोवर,
परिपूरित कर दे तेरे शीतल जल से।

ओ मेघा रे, मेघा रे दूर दराज़ तू जा रे,
परदेस गए मेरे पिया का संदेश ला रे
और जब वो आ जाए तो इतना बरस,
कि फिर दूर न मुझसे जा पाए हो बेबस।

मेघा आए, ठंडी हवा के झोंके लाए,
वर्षा की बूँदें दिल की प्यास बुझाए।
सतरंगी इस मौसम में तनमन भीगा जाए,
दिल में उम्मीदों के नूतन ख्वाब जगाए॥

परिचय- शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापक (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती वर्तमान में छतीसगढ़ राज्य के बिलासपुर में निवासरत हैं। आपने प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर एवं माध्यमिक शिक्षा भोपाल से प्राप्त की है। भोपाल से ही स्नातक और रायपुर से स्नातकोत्तर करके गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) से पीएच-डी. की उपाधि पाई है। अंग्रेजी साहित्य में लिखने वाले भारतीय लेखकों पर डाॅ. चक्रवर्ती ने विशेष रूप से शोध पत्र लिखे व अध्ययन किया है। २०१५ से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय (बिलासपुर) में अनुसंधान पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ४ शोधकर्ता इनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं। करीब ३४ वर्ष से शिक्षा कार्य से जुडी डॉ. चक्रवर्ती के शोध-पत्र (अनेक विषय) एवं लेख अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपकी रुचि का क्षेत्र-हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में कविता लेखन, पाठ, लघु कहानी लेखन, मूल उद्धरण लिखना, कहानी सुनाना है। विविध कलाओं में पारंगत डॉ. चक्रवर्ती शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई संस्थाओं में सक्रिय सदस्य हैं तो सामाजिक गतिविधियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल आदि में सक्रिय सदस्य हैं।

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