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जागरूकता सहित अमल करना होगा

गोवर्धन दास बिन्नाणी ‘राजा बाबू’
बीकानेर(राजस्थान)
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हो हरित वसुन्धरा….

हम बहुत से वरिष्ठजन नियमित रूप से शाम के समय मैदान में बैठ आपस में किसी भी विषय पर बातचीत करते आ रहे हैं। बातचीत पश्चात इस धरा को हरा-भरा बनाए रखने पर सभी अपने विचार बताने लगे। और हम सभी ने फिलहाल २ बिन्दु पर ध्यान केंद्रित कर कार्ययोजना पर सहमति बनाते हुए इस पर आज ही से अमल करने का निर्णय लिया-
-हम सभी को प्लास्टिक के प्रयोग को कैसे कम किया जाए, उस पर गम्भीरता से विचार ही नहीं करना है बल्कि सभी को अपने-अपने स्तर पर आज से ही प्रयासरत हो जाना है।
-पेड़ों की जो अन्धाधुन्ध कटाई हो रही है, उसके लिए जागरूकता फैलानी है। इसके लिए हम में से जो शिक्षक रह चुके हैं, उनके माध्यम से उस शिक्षा संस्थान में जागरूकता गोष्ठी आयोजित कर छात्रों को न केवल शिक्षित करना है, बल्कि उनको भागीदारी के लिए प्रेरित करना है।
-शिक्षा संस्थान में जागरूकता गोष्ठी का फायदा उठाते हुए छात्रों को पौधरोपण का फायदा भी समझाना है और प्रेरित भी करना है।
-यह भी सुनिश्चित करना है कि पौधरोपण के बाद उसको नियमित तौर पर सींचना भी है। इसके लिए आपस में छोटे-छोटे दल बना पूरी जिम्मेदारी निभाते हुए आपसी सहयोग बनाए रखना है। अर्थात आवश्यकता होने पर अल्प समय के लिए अन्य दल के कार्य का भी भार उठाने में कोताही नहीं बरतनी है।
-पौधरोपण पश्चात उनकी सिंचाई के लिए पानी की आवश्यकता और तारबंदी भी किया जाना जरूरी होता है, ताकि पशुओं से बचा रहे।
यह भी निर्णय लिया गया कि उस दिन हुए कार्य का आदान-प्रदान भी करें, साथ ही इस गर्मी के मौसम में जल की भी किल्लत जो देखने मिल रही है, उस पर भी हमें प्राथमिकता रख विचार अवश्य करना है। लिए गए निर्णयों से सभी को प्रेरित भी करते रहना है, ताकि अन्य जगहों पर भी लोग इस तरह अमल करने की सोचें।
ध्यान रखें सामूहिक प्रयास का नतीजा हमेशा न केवल सुखदायी होता है, बल्कि लम्बे समय तक प्रभावी भी रहता है।

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