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जीवन की सीख बताते

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
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विघ्नहर्ता गजानंद विशेष….

यह एक अद्भुत अवतार है,
विध्नहर्ता साकार है
देवताओं में प्रथम पूज्य,
अनमोल प्रिय उपहार है।

जीवन शैली की सीख बताते,
हर अंग का उन्नत व्यवहार है
बड़ा सिर छोटी आँखें,
सहृदयता से भरपूर हैं
बड़े कान और छोटा मुँह,
दिखता स्वरूप एक नूपुर है।

लम्बी सूंड और बड़ा पेट,
सबको बहुत यह भाता है
देवताओं में श्रेष्ठ बनकर,
जगत संसार में प्रथम पूज्य बन जाता है।

चार हाथ और विहंगम स्वरूप,
उत्तम एक अवतार है
जन-जन तक यह समां बांधते,
देते सबको खूब प्यार हैं।

विराट वैभव के मालिक हैं,
गजानन कहलाते हैं
मोदक इनका प्रिय भोग है,
सब भक्तगण यही चढ़ाते हैं।

टूटा हुआ दांत है दर्पण,
बड़ा दिखते उन्नत अवतार,
चूहा इनका प्रेम संग है,
सबमें दिखता है खूब प्यार।

आओ हम-सब मिलकर,
विध्नहर्ता गजानंद को याद करें।
गणेश चतुर्थी को गणेश उत्सव में,
खुशियों की खूब बरसात करें॥

परिचय–पटना (बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता, लेख, लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम., एम.ए.(अंग्रेजी, राजनीति शास्त्र, अर्थशास्त्र, हिंदी, इतिहास, लोक प्रशासन व ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी, एलएलएम, एमबीए, सीएआईआईबी व पीएच.-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन) पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित कई लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं, जिसमें-क्षितिज, गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा) आदि हैं। अमलतास, शेफालिका, गुलमोहर, चंद्रमलिका, नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति, चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा, लेखन क्षेत्र में प्रथम, पांचवां व आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के कई अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

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