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जो कोई आया, माँ भारती ने अपनाया

सौदामिनी खरे दामिनी
रायसेन(मध्यप्रदेश)

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अंतरराष्ट्रीय शरणार्थी दिवस विशेष………..


जो क़ोई शरण में आया
माँ भारती ने अपनाया,
मेरे भारत ने अपनाया।
मेरे भारत की विशाल छाती,
सबको गले लगाती।
अपनी दरियादिली का परचम,
विश्व में लहराया।
जो कोई…

सौहार्द हृदय लेकर,
वह गोद में बैठाती।
क्या हिन्दू,क्या मुस्लिम,
क्या सिक्ख,क्या इसाई।
माँ की स्नेह धारा,
को सब पर नहलायाl
जो कोई…

पर सहनशीलता का मतलब,
समझा निर्बलता हमारी।
हम पर ही राज करके,
हमको सबक नया सिखाया।
जो कोई…

रोहिंग्या हो या कोई,
दुश्मन नकाबधारी।
न देना शरण उनको,
चाहे बोले सरपरस्त साया।
जो कोई…

सोने का एक पंछी,
था यह वतन हमारा।
पर हमारे इस वतन को,
हमारी ही नर्मदिली ने खाया।
जो कोई…

बहुत हुई शरण अब,
अब शरण न दो किसी को।
न भार सहेगा भारत,
शरण में रहकर हमारी
हमको आँख दिखाया।
जो कोई…

परिचय-सौदामिनी खरे का साहित्यिक उपनाम-दामिनी हैl जन्म-२५ अगस्त १९६३ में रायसेन में हुआ हैl वर्तमान में जिला रायसेन(मप्र)में निवासरत सौदामिनी खरे ने स्नातक और डी.एड. की शिक्षा हासिल की हैl व्यवसाय-कार्यक्षेत्र में शासकीय शिक्षक(सहायक अध्यापक) हैंl आपकी लेखन विधा-गीत,दोहा, ग़ज़ल,सवैया और कहानी है। ब्लॉग पर भी लेखन में सक्रिय दामिनी की लेखनी का उद्देश्य-लेखन कार्य में नाम कमाना है।इनके लिए प्रेरणापुन्ज-श्री प्रभुदयाल खरे(गज्जे भैया,कवि और मामाजी)हैंl भाषा ज्ञान-हिन्दी का है,तो रुचि-संगीत में है।

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