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तेरा इंतज़ार

सत्येन्द्र प्रसाद साह’सत्येन्द्र बिहारी’
चंदौली(उत्तर प्रदेश)
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मैं तुझे प्यार बेशुमार करता हूँ
तुम खफा ना हो जाओ इसलिए मैं डरता हूँ।

तुझे देखने को तरसे मेरी आँखें,
मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ।

छुप-छुप के झरोखों से देखा करता हूँ,
तुम गुजरो गली से दुआ मैं करता हूँ।

भर नजर देख लूं तो चैन मिल जाए मुझे,
मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ।

जिस घड़ी ना देखूँ तुझे,बेचैन हो के फिरता हूँ,
तुम नजर जो आ जाओ मैं तुम्हीं पे मरता है।

दिल के आइने में तेरी तस्वीर छिपा रक्खी मैंने,
मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ।

मैं कुछ कहूं जो अगर रूसवाई से भी डरता हूँ,
तुम अगर करार करो मोहब्बत का जाम भरता हूँ।

तेरी परछाई बनकर सदा रहूँ तुझमें,
मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ।

खुद से ज्यादा मैं तुझ पे ऐतवार करता हूँ,
तेरी मुस्कराहटों पर जां निसार करता हूँ।

तुम तो बसती हो मेरी साँसों में,
मैं सुबह-शाम तेरा इंतजार करता हूँ॥

परिचय-सत्येन्द्र प्रसाद साह का निवास जिला-चंदौली(उत्तर प्रदेश)में हैl इनका साहित्यिक उपनाम-सत्येन्द्र बिहारी हैl जन्म तारीख १७ मार्च १९८५ एवं जन्म स्थान-बिहार राज्य हैl ग्राम सैयदराजा निवासी श्री साह ने स्नातकोत्तर की शिक्षा पाई है और कार्यक्षेत्र-नौकरी हैl आपकी लेखन विधा-कविता हैl हिंदी का भाषा ज्ञान रखने वाले सत्येन्द्र बिहारी की लेखनी का उद्देश्य-हिंदी को समृद्ध करना हैl

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