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सलाम

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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सलाम है उनको,
जिन्होंने धमाल कर दिया
जान की बाजी लगा कर,
दुश्मन का तमाम कर दिया।
दुश्मन के घर जाकर,
दुश्मन को मार गिरा कर
इस देह धरा को अमर कर दिया।
है तुमको नमन,
तुम्हारी शौर्य की गाथा
आज फिर अमर हो गई,
तुमने अपने साहस का पराक्रम दिखाया।
आसमान से तुमने ऐसी घात लगाई,
दुश्मन के घर मे तुमने आग लगाई
न कोई बचा ऐसी नींद सुलाई,
कितने बेचैन थे वो इतने दिन।
जिन शहीदों की चिताएँ जली,
आज उन शहीदों को सच्ची
श्रदांजलि मिली,
तुम्हारे साहस पर सबको
आज अभिमान हो गया।
अब न प्रेम नहीं शांति होगी,
अब तो ज्वाला की क्रांति होगी
दुश्मन को दफनाकर,
हमारी विजय की कहानी होगी॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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