हरिहर सिंह चौहान
इन्दौर (मध्यप्रदेश )
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दीपक की जगमगाहट से, अन्धकार को दूर भगाएंगे
आओ मिलकर हम सब, दीपावली मनाएंगे।
खुशियों के इस पल में हम सब,
दीपावली धूमधाम से मनाएंगे
रंग-बिरंगी चकरी झिलमिलाते अनार व,
बच्चों के साथ मिलकर
हम सब फुलझड़ी जलाएंगे।
दीपक की जगमगाहट से, अन्धकार को दूर भगाएंगे…
दीपावली में व्यंजनों की, खुशबू से महक रहे हैं घर-आँगन
शकरपारे, गुजिया, चकली, करंजी की है बात निराली मानो, आ गई है दीपावली।
दीपक की जगमगाहट से अन्धकार को दूर भगाएंगे…।
शुभ-लाभ का प्रतीक, स्वस्तिक दरवाजे पर लगाएंगे
आम के पत्तों की वंदनवार से, चौखट को सजाएंगे
घर की महिलाएँ व बालिकाएँ, जब रंगोली बनाएंगी
मानो सुंदरता हमारे घर की बढ़ जाएगी
माँ लक्ष्मी के आगमन के लिए सब मिलकर उन्हें बुलाएंगे।
दीपक की जगमगाहट से, अन्धकार को दूर भगाएंगे। आओ हम सब मिलकर, दीपावली मनाएंगे…॥