कुल पृष्ठ दर्शन : 689

You are currently viewing नई डगर

नई डगर

डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती
मनेन्द्रगढ़ (छत्तीसगढ़)
*********************************************

अजनबी शहर के ये नए रास्ते,
मेरी तन्हाइयों पर यूँ ही मुस्कुराते रहे
मैं कुछ दूर तक यूँ ही टहलती रही,
वो पुराना शहर बहुत याद आता रहा।

उन सुनहरी यादों की उंगलियाँ पकड़,
नई डगर में मंजिल ढूँढने चली
कभी तो लक्ष्य मिलेगा सोच,
हौले-हौले कदम बढ़ाते रही।

प्रकृति की मनोरम छटा बिखेरे,
वन हरियाली इस नगरी को निखारे
झरनों की खनखनाहट चारों ओर,
नदियाँ बहती कलकल करती शोर।

खनिज और खेत लहलहाते यहाँ,
भव्य पहाड़ी पर बसा ये नगर
कड़ाके की ठंड में लिपटी हुई सर्द हवा,
सांझ होते ही सब पथ वीरान नज़र।

पुरानी यादों में बसा वो मेरा शहर,
वो गलियाँ हम पीछे छोड़ आए इधर।
अनायास कदम बढ़ चले नई डगर की ओर,
खिंचा चला जाए मन नई मंजिल के छोर॥

परिचय- शासकीय कन्या स्नातकोत्तर महाविद्यालय में प्राध्यापक (अंग्रेजी) के रूप में कार्यरत डॉ. श्राबनी चक्रवर्ती वर्तमान में छतीसगढ़ राज्य के मनेन्द्रगढ़ में निवासरत हैं। आपने प्रारंभिक शिक्षा बिलासपुर एवं माध्यमिक शिक्षा भोपाल से प्राप्त की है। भोपाल से ही स्नातक और रायपुर से स्नातकोत्तर करके गुरु घासीदास विश्वविद्यालय (बिलासपुर) से पीएच-डी. की उपाधि पाई है। अंग्रेजी साहित्य में लिखने वाले भारतीय लेखकों पर डाॅ. चक्रवर्ती ने विशेष रूप से शोध पत्र लिखे व अध्ययन किया है। २०१५ से अटल बिहारी वाजपेयी विश्वविद्यालय (बिलासपुर) में अनुसंधान पर्यवेक्षक के रूप में कार्यरत हैं। ४ शोधकर्ता इनके मार्गदर्शन में कार्य कर रहे हैं। करीब ३४ वर्ष से शिक्षा कार्य से जुडी डॉ. चक्रवर्ती के शोध-पत्र (अनेक विषय) एवं लेख अंतर्राष्ट्रीय-राष्ट्रीय पत्रिकाओं और पुस्तकों में प्रकाशित हुए हैं। आपकी रुचि का क्षेत्र-हिंदी, अंग्रेजी और बांग्ला में कविता लेखन, पाठ, लघु कहानी लेखन, मूल उद्धरण लिखना, कहानी सुनाना है। विविध कलाओं में पारंगत डॉ. चक्रवर्ती शैक्षणिक गतिविधियों के लिए कई संस्थाओं में सक्रिय सदस्य हैं तो सामाजिक गतिविधियों के लिए रोटरी इंटरनेशनल आदि में सक्रिय सदस्य हैं।

Leave a Reply