कुल पृष्ठ दर्शन : 483

You are currently viewing प्यार और उधार

प्यार और उधार

उमेशचन्द यादव
बलिया (उत्तरप्रदेश) 
***************************************************

भैया आज के दौर में, कोई नहीं है यार,
परख करने का मन करे तो, देखो माँग उधार।

सब-कुछ जब ठीक-ठाक चले तो,
कहते यही सब बारम्बार
कभी जरूरत पड़े अगर तो,
बेहिचक तुम कहना यार
आया ओ मौका जब मुझको,
मैंने जब माँगा उधार…
देने की तुम बात तो छोड़ो,
बात करने को ना हों तैयार।
भैया आज के दौर में, कोई नहीं है यार…

पड़े अगर कोई काम मुझसे तो,
फोन मिलाये बारम्बार
मीठी-मीठी बात सुनाकर,
वादे की करते बौछार
ऐसा नहीं कि मैं समझ ना पाऊँ,
मैं तो निश्छल प्रेम निभाऊँ
मुझसे कभी ना हो इंकार
अब तक तो मैं करते आया,
हो सका जितना उपकार
करता रहा मैं बारम्बार,
आई जब मुझपर लाचारी
लोगों दिया पलड़ा झाड़।
भैया आज के दौर में, कोई नहीं है यार,
परख करने का मन करे तो, देखो माँग उधार…॥

परिचय–उमेशचन्द यादव की जन्मतिथि २ अगस्त १९८५ और जन्म स्थान चकरा कोल्हुवाँ(वीरपुरा)जिला बलिया है। उत्तर प्रदेश राज्य के निवासी श्री यादव की शैक्षिक योग्यता एम.ए. एवं बी.एड. है। आपका कार्यक्षेत्र-शिक्षण है। आप कविता,लेख एवं कहानी लेखन करते हैं। लेखन का उद्देश्य-सामाजिक जागरूकता फैलाना,हिंदी भाषा का विकास और प्रचार-प्रसार करना है।

Leave a Reply