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प्रणाम करूँ

आदर्श पाण्डेय
मुम्बई (महाराष्ट्र)
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जग को मैं प्रणाम करूँ,
युद्ध को मैं विराम करूँ।

सरल स्वभाव से उत्तम जीवन,
मानव के साथ जीऊँ।

सरल शब्द को मैं शहद बनाऊँ,
कठोर शब्द का मैं रस बनाऊँ।

देशद्रोही,मानव विद्रोही का,
मैं तलवार से तिरस्कार करूँ।

देश सुरक्षा हित में जो खड़े हैं वीर,
उनका मैं देवता-सा अभिवादन करूँ॥

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