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प्रथम कृति प्रकाशनार्थ ८० श्रेष्ठ पाण्डुलिपियों पर अनुदान घोषित

भोपाल (मप्र)।

वर्ष २०२० और २०२१ के प्रथम कृति अनुदान योजना के परिणाम साहित्य अकादमी मध्यप्रदेश ने घोषित कर दिए हैं। इन २ वर्षों के परिणामों में ८० रचनाकारों को अकादमी की ओर से उनकी प्रथम कृतियों के प्रकाशन हेतु सम्मान राशि मिलेगी।
अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे ने सभी रचनाधर्मियों को बधाई देते हुए बताया कि, जिनको यह अनुदान देना स्वीकृत हुआ है, उनको एक पत्र शीघ्र ही भेजा जाएगा। उसमें दिए निर्देशानुसार पुस्तक का अंतिम प्रारूप बनाकर पुनः अकादमी को भेजकर उसकी स्वीकृति होते ही पुस्तक का प्रकाशन करवाना होगा। तत्पश्चात प्रकाशित पुस्तक की १० प्रतियां अकादमी को जमा करवाने पर अनुदान राशि प्राप्त होगी।
आपने बताया कि, अकादमी (मध्यप्रदेश संस्कृति परिषद्, मध्यप्रदेश शासन संस्कृति विभाग, भोपाल) द्वारा प्रदेश के लेखक की प्रथम कृति के प्रकाशनार्थ श्रेष्ठ पाण्डुलिपियों की घोषणा कर दी गई है। प्रति पाण्डुलिपि २० हजार रुपए की सहायता अनुदान प्रतिवर्ष कुल ४० पाण्डुलिपियों को दिया जाता है।डाॅ. दवे ने बताया कि, योजना के अंतर्गत मनीष बादल (भोपाल), भावना दामले, एकता गायकवाड़, शिरीन भावसार, अनिरुद्ध जोशी, पं. संतोष मिश्र ‘राज’, आशीष जैन, सपना साहू, एकता कानूनगो,
गिरेन्द्र सिंह भदौरिया, ईश्वर शर्मा, रश्मि स्थापक, आरती वर्मा,अंजना चक्रपाणि मिश्र, नीरज दीक्षित, रुचिता तुषार नीमा, अनुराधा शर्मा, वाणी अमित जोशी, कमलकिशोर हेतावल, धीरेन्द्र कुमार जोशी,

आरती दुबे,मोनिका तिवारी, रुचि बागड़देव, मित्रा शर्मा (सभी इंदौर), मनोज जोशी (भोपाल), डाॅ. एस.एन. शर्मा (भोपाल), रविन्द्र यादव (टीकमगढ़), रवीन्द्र रवि (ग्वालियर), रश्मि पण्डित (रतलाम), डाॅ. लखन किरार (नरसिंहपुर), हेमंत श्रीमाल (उज्जैन), कमला प्रसाद गुप्ता (बालाघाट), पं. पूरनचंद्र शर्मा (दतिया), कपिल भार्गव (दतिया) व सीलेश तिवारी ‘शील’ (सतना) आदि की पांडुलिपि स्वीकृत हुई है।

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