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प्रेम की ज्योत

ताराचन्द वर्मा ‘डाबला’
अलवर(राजस्थान)
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प्रेम की अखण्ड ज्योत,
दिल में जलाते रहिए
रुठ गए जो सुनहरे सपने,
बस उन्हें मनाते रहिए।

निश्चित मंजिल मिलेगी,
आगे क़दम बढ़ाते रहिए
काँटों की डगर पर यूँ ही,
कंवल पुष्प खिलाते रहिए।

करते रहिए भला सभी का,
ईर्ष्या-द्वेष को भगाते रहिए
गले लगाइए दुश्मन को भी,
दिल में प्रीत जगाते रहिए।

भटक गए जो अपने पथ से,
उनको राह दिखाते रहिए
जो मजबूरी में रोते हैं बस,
उनको गले लगाते रहिए।

सेवा कीजिए माँ-बाप की,
रोज पैर दबाते रहिए।
जन्नत नसीब होगी तय है,
खुशी के गीत गाते रहिए॥

परिचय- ताराचंद वर्मा का निवास अलवर (राजस्थान) में है। साहित्यिक क्षेत्र में ‘डाबला’ उपनाम से प्रसिद्ध श्री वर्मा पेशे से शिक्षक हैं। अनेक पत्र-पत्रिकाओं में कहानी,कविताएं एवं आलेख प्रकाशित हो चुके हैं। आप सतत लेखन में सक्रिय हैं।

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