मंडला (मप्र)।
राष्ट्रीय फलक फाउंडेशन छत्तीसगढ़ इकाई में काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में फाउंडेशन अध्याय के सभी प्रतिभागियों ने एक से बढ़ कर एक रचनाओं से पटल को सुसज्जित किया।
सरस्वती वंदना सविता राज ने बड़े ही सरस स्वर में प्रस्तुत की, तो संस्थापिका नेहा इलाहाबादी ने उद्बोधन से आह्लादित किया। मुख्य अतिथि डॉ.सुमन मेहरोत्रा ने प्रभावी अंदाज में उद्बोधन देकर पटल की काफी प्रशंसा की। काव्यपाठ करने वाले रचनाकारों में डॉ. मीना कुमारी परिहार, डॉ. राम शरण सेठ, राजेश पांडेय वत्स और हेमा सिंह रहे। संचालन सविता राज ने किया। प्रो.(डॉ.) शरद नारायण खरे के मुक्तक बेहद सराहे गए-“धरा पर आई है गंगा, सुमंगल,शुभ को नित वरने, जगत को धर्ममय करने, सभी पापों को नित हरने। नीर गंगा का है पावन, बूंद लगती सुधा-सी हर-मनुज को तारने भल से, धरा को पुण्यमय करने॥”
कार्यक्रम का विराम ईश्वर चंद्र जायसवाल के आभार ज्ञापन से हुआ।