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फिल्मों में ‘मानसिक विकृत’ किरदार

इदरीस खत्री
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘जजमेंटल है क्या’ में दिखेंगे २ मानसिक विकृत राजकुमार राव और कंगना रणौत
दोस्तों,एक फ़िल्म आने वाली है ‘जजमेंटल है क्या’,जिसमें एक नहीं,२ मानसिक विकृत( साइको किरदार) देखने को मिलेंगे-पहला राजकुमार राव,दूसरा कंगना रणौत। दोनों किरदार फ़िल्म जगत में मंजे हुए अदाकारों के जिम्मे है तो बेहतर ही होंगे,लेकिन इनके पहले भी इस तरह के किरदार भारतीय फिल्म जगत में निभाए जा चुके हैं। हाँ,यह लिखने का कारण जरूर फ़िल्म के यह दो पात्र बने हैं।
तो पहले मानसिक विकृत या मनोरोगी (साइको फिसिक) पर नज़र डालते हैं-
#डर-१९९३ में आई इस फ़िल्म में शाहरुख खान ने ऐसे किरदार को निभाया था। ‘कक्कक…..,किरण’ के साथ किरदार को इतनी शिद्दत से निभाया गया कि खलनायक होते हुए भी उस किरदार से दर्शक जुड़ गए थे।
#अंज़ाम-१९९४ में शाहरुख खान फिर इसी तरह के किरदार में दिखे। यह बड़ी जोखिम हो सकती थी शाहरुख के भविष्य के लिए,लेकिन शाहरुख खान ने ‘डर’ के किरदार से अलग किरदार निभाकर नय्या सम्भाल ली। दोनों किरदारों के मूल सृजन में ही फर्क पैदा करने में शाहरुख सफल हुए।


#गुप्त-१९९७ में काजोल ने एक लाजवाब मानसिक विकृत किरदार को जीवंत किया था और हत्या की रहस्यमयी कहानी में जान डाल दी थी।
#दुश्मन-१९९८ में आई इस फ़िल्म में आशुतोष राणा ने बीमार गोकुल के किरदार से तर्कसंगत न्याय करते हुए पागल किरदार को जीवंत किया था।
#संघर्ष-१९९९ में ही किरदार लज्जा शंकर में आशुतोष ने फिर एक बार अभिनय का लोहा मनवाया,जिसमें वह धर्मांधता लिए हुए थे।
#दीवानगी-२००२ में अजय देवगन ने भी इस तरह का किरदार इस फिल्म में निभाया था,जिसमें वह साइको फिसिक बने थे। अजय ने किरदार में सम्पूर्णता डाल दी थी।
#अपरिचित-यह फिल्म २००५ में तमिल फिल्म ‘ऑनियन’ का हिंदी रूपांतरण थी,जिसमें विक्रम ने साइको फिसिक किरदार की देश में नई इबारत लिख दी थी।
#भूल भुलैया-२००७ में आई,जिसमें विद्या बालन ने कोमालिका किरदार से दर्शकों को चौंका दिया था। फ़िल्म ५ भाषाओं में बन चुकी है और किरदार आज भी जीवन्त है।
#मर्डर-२- प्रशांत नारायण ने २०११ में आई इस फिल्म में जो किरदार निभाया, उससे न केवल दर्शक चौंक गए,वरन समीक्षकों ने भी उनकी तारीफ के कसीदे पड़ दिए। आपको कई पुरस्कार भी मिले। एक अर्धनारी साइको फिसिक किरदार में प्रशांत ने अपने अभिनय का लोहा मनवा दिया।
#रमन राघव-२०१६ में इसमें एक मानसिक विकृत नवाजुद्दीन सिद्दीकी ने हत्यारे का किरदार निभाया,जो नवाज़ के हर तरह के अभिनय की दक्षता सिद्ध करता है।
एक किरदार और हीथ लेजर उर्फ
‘जोकर’,जिसने फ़िल्म में नायक को एकतरफ कर खुद को साबित किया और ऑस्कर तक पाया था।
अब रूबरू होंगे हैं ‘जजमेंटल है क्या’ से। कंगना और राजकुमार राव एक ही फ़िल्म में २ साइको किरदार के तौर पर रूबरू होने को तैयार हैं।

परिचय : इंदौर शहर के अभिनय जगत में १९९३ से सतत रंगकर्म में इदरीस खत्री सक्रिय हैं,इसलिए किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। परिचय यही है कि,इन्होंने लगभग १३० नाटक और १००० से ज्यादा शो में काम किया है। देअविवि के नाट्य दल को बतौर निर्देशक ११ बार राष्ट्रीय प्रतिनिधित्व नाट्य निर्देशक के रूप में देने के साथ ही लगभग ३५ कार्यशालाएं,१० लघु फिल्म और ३ हिन्दी फीचर फिल्म भी इनके खाते में है। आपने एलएलएम सहित एमबीए भी किया है। आप इसी शहर में ही रहकर अभिनय अकादमी संचालित करते हैं,जहाँ प्रशिक्षण देते हैं। करीब दस साल से एक नाट्य समूह में मुम्बई,गोवा और इंदौर में अभिनय अकादमी में लगातार अभिनय प्रशिक्षण दे रहे श्री खत्री धारावाहिकों और फिल्म लेखन में सतत कार्यरत हैं। फिलहाल श्री खत्री मुम्बई के एक प्रोडक्शन हाउस में अभिनय प्रशिक्षक हैंl आप टीवी धारावाहिकों तथा फ़िल्म लेखन में सक्रिय हैंl १९ लघु फिल्मों में अभिनय कर चुके श्री खत्री का निवास इसी शहर में हैl आप वर्तमान में एक दैनिक समाचार-पत्र एवं पोर्टल में फ़िल्म सम्पादक के रूप में कार्यरत हैंl

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