कुल पृष्ठ दर्शन : 246

बाद मुद्दत के….

संजय गुप्ता  ‘देवेश’ 
उदयपुर(राजस्थान)

********************************************************************

बाद मुद्दत के,उन्होंने मेरा हाल पूछा है
क्या छुपा मन में,जो डर-डर के पूछा है,
मैंने भी पूछ लिया,क्यों याद किया मुझे
कोई बहाना भी,तो उन्हें नहीं सूझा है।

आह तो निकलेगी ही चाहे वो मुस्कुराएं
सालों से तो यूँ ही कलेजा नहीं फूंका है,
इशारे में याद दिला दी,राज की वो बात
होंठों पर अंगुली रख जाने कहाँ छुपा है।

कितना गहरा हुआ है,जुदाई का समंदर
अश्कों ने बहकर यही बयां कर रखा है,
बेकरारी मिटाने की बेबसी इतनी बढ़ी
रोका है खुद को,कदमों को बढ़ा रखा है।

मैंने उनका हाथ थामा,कुछ देर के लिए
क्या सोचकर उसने,मुझे जोर से खींचा है,
हैरान मैं हूँ कि,यकीन कर ही लूं उस पर
या ये प्यासे की,सेहरा में एक मरीचिका है॥

परिचय-संजय गुप्ता साहित्यिक दुनिया में उपनाम ‘देवेश’ से जाने जाते हैं। जन्म तारीख ३० जनवरी १९६३ और जन्म स्थान-उदयपुर(राजस्थान)है। वर्तमान में उदयपुर में ही स्थाई निवास है। अभियांत्रिकी में स्नातक श्री गुप्ता का कार्यक्षेत्र ताँबा संस्थान रहा (सेवानिवृत्त)है। सामाजिक गतिविधि के अंतर्गत आप समाज के कार्यों में हिस्सा लेने के साथ ही गैर शासकीय संगठन से भी जुड़े हैं। लेखन विधा-कविता,मुक्तक एवं कहानी है। देवेश की रचनाओं का प्रकाशन संस्थान की पत्रिका में हुआ है। आपकी लेखनी का उद्देश्य-जिंदगी के ५५ सालों के अनुभवों को लेखन के माध्यम से हिंदी भाषा में बौद्धिक लोगों हेतु प्रस्तुत करना है। आपके लिए प्रेरणा पुंज-तुलसीदास,कालिदास,प्रेमचंद और गुलजार हैं। समसामयिक विषयों पर कविता से विश्लेषण में आपकी  विशेषज्ञता है। ऐसे ही भाषा ज्ञानहिंदी तथा आंगल का है। इनकी रुचि-पठन एवं लेखन में है।

Leave a Reply