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भारत का आगाज़

डॉ.हेमलता तिवारी
भोपाल(मध्य प्रदेश)
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झूठे वादे झूठे सपने,
सब-कुछ कच्चा-पक्का था
बीता साल गया कुछ ऐसा,
कुछ मीठा, कुछ खट्टा था।

यादों के पतझड़ में खोया,
मन कुछ ऊबा-डूबा था
सपनों की चौखट पर देखा,
पहरा कितना पक्का था।

उलट-पलट धरती की देखी,
पानी का तांडव देखा
कितनी भीगी, कितनी सूखी,
फसलों का रेला देखा।

देशों की शतरंज बिछी,
चौसर खेल रहे नेता
मानवता का खून यहाँ,
नदियों-सा बहता देखा।

वाहन नए-नए आए,
जाग रहे सब लोग यहाँ
ऊर्जा स्रोतों के विकल्पों पर,
करते देखा शोध यहाँ।

सेना को सौगात मिली,
हर हथियार से लैस किया
नए राष्ट्र निर्माण की,
नींव को सम्मुख रख दिया।

नव भारत का आगाज़ देख,
युवा वर्ग भी गर्वित है
देश-विदेश सभी छोरों पर,
भारत से सम्मोहित है।

भये प्रकट श्री राम अयोध्या,
मन की व्यथा हुई सब दूर
बड़े-बड़े संतों की भी,
आँखों को बहते देखा।

चलो आज भारत का हम,
कुछ ऐसा निर्माण करें।
समृद्धि के सपनों को हम,
सब मिलकर साकार करें॥

परिचय-डॉ.हेमलता तिवारी का जन्म १४ नवम्बर १९६५ को सागर में हुआ हैL वर्तमान में छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में निवास है,जबकि स्थायी पता भोपाल(मध्य प्रदेश) हैL बी.एस-सी,(जीवविज्ञान)बी.ए.(संगीत), एम.ए (संगीत, इतिहास, दर्शन,लोक प्रशासन,एजूकेशनल सायकोलॉजी, क्लीनिकल साय.,आर्गेनाइजेशनल साय.)एल.एल.बी.,पी.जी.डी.(लेबर लॉ एंड इण्डस्ट्रियल रिलेशन)सहित पी.एच-डी.(इन क्लीनिकल साय.), एम.बी.ए.(वित्त और मानव संसाधन) की शिक्षा प्राप्त डॉ.तिवारी का कार्य क्षेत्र-नौकरी हैL सामाजिक गतिविधि के तहत आप व्यक्तित्व विकास प्रशिक्षक,परामर्शी सहित ज्योतिष लेखन में सक्रिय हैंL इनकी लेखन विधा-कविता,कहानी एवं आलेख हैL हिन्दी सहित अंग्रेजी का भाषा ज्ञान रखती हैं।