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भुगतना पड़ेगा सबको

अजय जैन ‘विकल्प’
इंदौर(मध्यप्रदेश)
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‘विश्व वन्य जीव दिवस’ (३ मार्च) विशेष…

उपयोग,
करना बेहतर
दुरूपयोग मत करो,
प्रकृति अपनी
समझो।

दोहन,
सदा बुरा
स्वार्थ छोड़ दो,
अपना लो
गंभीरता।

इंसान,
तथाकथित विकास
प्रगति का पैमाना
खराब होगा,
भविष्य।

मुसीबत,
आएगी खूब
भुगतना पड़ेगा सबको,
कौन जिम्मेदार ?
विनाश।

पर्यावरण,
बहुत दुर्लभ
दोबारा मिलना कठिन,
इसे बचाना
प्राथमिकता।

धरती,
आपसी रिश्ता
जीव-जंतु जरूरी,
नहीं बचे
नुकसान।

जैवविविधता,
धरा खूबसूरती
परस्परता ही जीवन,
एक मिटा
असंतुलन।

विलुप्ति,
हमें खतरा
बढ़ेगा नकारात्मक असर,
गिरावट रोको
सम्भलो।

अस्तित्व,
बचाए रखना
आज बड़ी चुनौती,
यही इंसानियत
मानवता।

जीवन,
मतलब निर्भरता
नहीं मिटे दूजा,
जिम्मेदारी हमारी
सरंक्षण॥