कुल पृष्ठ दर्शन : 261

You are currently viewing मुश्किल सफर था कभी…

मुश्किल सफर था कभी…

डॉ.अशोक
पटना(बिहार)
***********************************

इस जीवन की डगर में,
मुश्किल सफर था मेरा
आज़ भी है मुझे वह दिन याद,
बहुत तड़प थी मेरी।
बहुत देखा व परखा लोगों को मैंने,
नहीं भूली जा रही वह
फरियाद है जिसे मैंने,
लोगों के पास की थी कभी।
बस इंतजार में हूँ अब,
दिन कब बहार लाएगा
ज़िन्दगी के सफ़र में,
फिर खुशियों की सौगात
कब मुझे मिल पाएगी।
यहां तो बस मुकद्दर को,
हम दोष देते रहें हैं सदा
पता नहीं किस्मत!
कब बहार लेकर,
मेरे गुलशन को फिर कभी
आबाद कर पाएगी।
आज़ हमें अपने हम सफ़र को,
यह बताने की जरूरत है
कैसे-कैसे दिन थे मेरे,
बहुत कुछ खोया भी
बहुत ठेस भी पहुंचाई थी।
भरोसा टूटने का दिल में ग़म भी है,
और अफसोस भी बहुत
तकलीफें भी बहुत आज तक याद हैं।
किन-किन से फरियाद करता,
यह मुश्किल में दिखाई देती है अब भी
आज़ फिर मुश्किल में हूँ
करूं किस-किससे फरियाद…?
फिर दुबारा अगर,
मुश्किल सफर थे कभी…
आज़ भी याद है मुझे,
बहुत कुछ याद है मुझे…!!!

परिचय-पटना(बिहार) में निवासरत डॉ.अशोक कुमार शर्मा कविता,लेख,लघुकथा व बाल कहानी लिखते हैं। आप डॉ.अशोक के नाम से रचना कर्म में सक्रिय हैं। शिक्षा एम.काम.,एम.ए.(राजनीति शास्त्र,अर्थशास्त्र, हिंदी,इतिहास,लोक प्रशासन एवं ग्रामीण विकास) सहित एलएलबी,एलएलएम,सीएआईआईबी, एमबीए व पीएच-डी.(रांची) है। अपर आयुक्त (प्रशासन)पद से सेवानिवृत्त डॉ. शर्मा द्वारा लिखित अनेक लघुकथा और कविता संग्रह प्रकाशित हुए हैं,जिसमें-क्षितिज,गुलदस्ता, रजनीगंधा (लघुकथा संग्रह) आदि है। अमलतास,शेफालीका,गुलमोहर, चंद्रमलिका,नीलकमल एवं अपराजिता (लघुकथा संग्रह) आदि प्रकाशन में है। ऐसे ही ५ बाल कहानी (पक्षियों की एकता की शक्ति,चिंटू लोमड़ी की चालाकी एवं रियान कौवा की झूठी चाल आदि) प्रकाशित हो चुकी है। आपने सम्मान के रूप में अंतराष्ट्रीय हिंदी साहित्य मंच द्वारा काव्य क्षेत्र में तीसरा,लेखन क्षेत्र में प्रथम,पांचवां,आठवां स्थान प्राप्त किया है। प्रदेश एवं राष्ट्रीय स्तर के अखबारों में आपकी रचनाएं प्रकाशित हुई हैं।

Leave a Reply