हाँ बेटा,
मेरी मृत्यु पर तुम भी
एक मृत्यु भोज
कराना।
सड़क पर कचरे से,
भूख मिटाती
गइया है न,
उसे भरपेट हरा
चारा खिलाना,
फिर जीभर
शीतल जल पिलाना,
और देखो! सड़क पर
जो आवारा से
घूमते श्वान दिखे,
तो उन्हें भरपेट भोजन करानाl
हाँ,एक काम जरूर करना,
सबसे पहले
अपने आसपास से
प्लास्टिक का
कचरा हटाना,
कहीं-कोई जानवर
अपनी भूख में उसे न खा बैठे।
और हाँ बेटा!
वो जो चींटियाँ और चिड़िया है न,
उनको चुग्गा अपने हाथों से
एक बार जरूर खिलाना,
कोरे सकोरे में
भर कर पानी
उनकी प्यास बुझाना,
देखो मेरे लाल!
दरवाजे पर आए
भूखे-प्यासे को
तृप्ति भर देना,
और अगर कोई मजदूर दिखे
तो उसकी मजदूरी
पूरी कर देना,
उसके बच्चे भूखे न सोये
कोई अनाथ,गरीब बालक
को पेट भर जलेबी,
जरूर खिलाना
मुझे भी बहुत पसंद थी न
जलेबी…l
और हाँ!
जो वहाँ से गुजरे कोई
अबला,
जिसकी गोद में
दुधमुँहा बच्चा हो,
उसे छटाँग भर ही सही
दूध जरूर पिलानाl
बेटा,सुनो!
मुझे कफ़न भले न
ओढ़ाना,
तन ढांपने को कपड़ा देना
किसी गरीब का
हो सके तो,
कष्ट मिटाना।
बेटा!
मेरी मृत्यु पर तुम
ऐसा मृत्यु भोज करानाll