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मेघों को निमंत्रण है

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
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मेघों को मेरा निमंत्रण है…
मेघों को कोयल,पपीहा,मोर,
झरने,नदियों का निमंत्रणl

आ जाओ तुम उमड़-घुमड़ कर,
काले घनघोर मेघ तुम बरस जाओl
प्यास मिटाकर अमृत बरसा दो,
मोर,पपीहा तुम्हारा गान कर रहेll

बैठी वो नायिका तुम्हारे इंतजार में,
तुम आओगे तो उसका साजन घर आएगा।
वो विरह वेदना में तड़प रही,
उसकी प्यास मिटाने मेघ तुम आ जाओll

जब बिजली चमकेगी तो,
काले बादल छाएंगे तो,ये मन बैचेन होगाl
जब तुम्हारे आने की आस बढ़ेगी,
मेघ तुम्हारे बरसने से मन की प्यास बुझेगीll

ये आँखें अब बरसने लगी है,
मेघ तुम आ जाओ..धरा तरसने लगी हैl
मेघ तुमको मेरा निमंत्रण हैll

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

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