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आनंद बोध

सारिका त्रिपाठी
लखनऊ(उत्तरप्रदेश)
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मेरी पीठ पर फैले
अँधेरे को,
मैं कभी यकायक विस्मय से
ज़रा पलट कर
देखती हूँ कि,
कितनी ही
धूप क्षणिकाएं
झिलमिल-झिलमिल
उतर आयी हों।
नव किंजल्क पुंज
खिल उठे हों,
जिसकी भीनी गन्ध से
मेरा पृष्ठ भाग
आप्लावित हो उठता है…।

आह…!
कितनी मधुर है प्रतीति,
तुम्हारे नेह निमंत्रण की
कैसी सुखद है अभीप्सा
तुम्हारे सामीप्य की…।

मैं कहाँ जानती थी,
दृष्टि के उठने और झुकने की
सहज प्रवृत्ति के बीच गुज़रते
क्षणिक क्षणिक अन्तरालों के
मध्य की अनुभूति,
इतनी मधुक होती है,और
विमुग्ध माध्वी हुई मैं
लजा कर,
अपनी हथेलियों से
रक्तिम कंदील हुए
मुख को ढाँप लेती हूँ॥

परिचय-सारिका त्रिपाठी का निवास उत्तर प्रदेश राज्य के नवाबी शहर लखनऊ में है। यही स्थाई निवास है। इनकी शिक्षा रसायन शास्त्र में स्नातक है। जन्मतिथि १९ नवम्बर और जन्म स्थान-धनबाद है। आपका कार्यक्षेत्र- रेडियो जॉकी का है। यह पटकथा लिखती हैं तो रेडियो जॉकी का दायित्व भी निभा रही हैं। सामाजिक गतिविधि के तहत आप झुग्गी बस्ती में बच्चों को पढ़ाती हैं। आपके लेखों का प्रकाशन अखबार में हुआ है। लेखनी का उद्देश्य- हिन्दी भाषा अच्छी लगना और भावनाओं को शब्दों का रूप देना अच्छा लगता है। कलम से सामाजिक बदलाव लाना भी आपकी कोशिश है। भाषा ज्ञान में हिन्दी,अंग्रेजी, बंगला और भोजपुरी है। सारिका जी की रुचि-संगीत एवं रचनाएँ लिखना है।

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