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म.प्र. साहित्य अकादमी द्वारा अभा पुरस्कार से हिंदीभाषा डॉट कॉम अलंकृत


🔹देश-प्रदेश की १२१ हस्तियाँ भोपाल में अलंकरण समारोह में सम्मानित
🔹आशुतोष राणा सहित सभी रचनाकारों को ८३.६६ लाख की राशि भेंट

इन्दौर (मप्र)।

साहित्य अकादमी म.प्र. द्वारा २५ जुलाई को रवींद्र भवन सभागार (भोपाल) में भव्य अलंकरण समारोह आयोजित किया गया। इसमें लोकप्रिय मंच हिंदीभाषा डॉट कॉम (इन्दौर) को ब्लॉग वर्ग में मुख्य अतिथि संस्कृति मंत्री (मप्र शासन) उषा ठाकुर, अभिनेता आशुतोष राणा, अकादमी के निदेशक डॉ. विकास दवे, प्रमुख सचिव (संस्कृति एवं पर्यटन) शिव शेखर शुक्ला व संचालक (संस्कृति विभाग) अदिति त्रिपाठी ने अखिल भारतीय अलंकरण से पुरस्कृत करते हुए  सम्पादक-संस्थापक अजय जैन ‘विकल्प’ को अभिनंदन-पत्र एवं शॉल-श्रीफल भेंट किया।


   सभागार में डॉ. दवे ने इस आयोजन में ४ वर्षों से लंबित पुरस्कार बांटे, जिसमें ५२ साहित्यकारों को अखिल भारतीय, ६० को प्रादेशिक और ६ को बोलियों के पुरस्कार दिए। अखिल भारतीय पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों को १-१ लाख, प्रादेशिक और बोलियों के पुरस्कार पाने वाले साहित्यकारों को ५०-५० हजार की राशि भेंट की गई।
सम्मान के अवसर पर निदेशक डॉ. दवे ने अतिथि एवं मंचासीन अलंकृत रचनाकार श्री राणा और मंत्री सुश्री ठाकुर को विशेष रूप से हिंदीभाषा डॉट कॉम के माध्यम से सम्पादक श्री जैन और मंडली द्वारा की जा रही मातृभाषा हिंदी की सेवा और मंच की विविध गतिविधियों से परिचित कराया। आशुतोष राणा ने इसकी प्रशंसा करते हुए शुभकामनाएँ दी।
    उल्लेखनीय है कि, बेहद सीमित संसाधन में भी मंच सह-सम्पादक श्रीमती अर्चना जैन (दिल्ली), संयोजक प्रो. डॉ. सोनाली सिंह (इन्दौर), मार्गदर्शक डॉ.एम.एल. गुप्ता ‘आदित्य’ (मुम्बई), सरंक्षक डॉ. अशोक जी (बिहार), परामर्शदाता डॉ. पुनीत द्विवेदी (मप्र), विशिष्ट सहयोगी एच. एस. चाहिल (छग) एवं प्रचार प्रमुख श्रीमती ममता तिवारी ‘ममता’ (छग) की सहभागिता और तकनीकी सहयोगी चेतन बेंडाले एवं भीम मेंडाड के सहयोग से सतत सक्रिय है। १ राष्ट्रीय कीर्तिमान सहित ८ सम्मान प्राप्त मंच हिन्दी की लोकप्रियता और अभिवृद्धि हेतु २०१८ से निरन्तर गतिविधि करते हुए विद्यालयीन नव कोपलों को पूर्ण सहयोग दे रहा है। १.५२ करोड़ दर्शकों के स्नेह प्राप्त मंच की पूरी मंडली ने इस सम्मान के लिए 

सभी सहभागियों को बधाई देते हुए अकादमी का हृदयी आभार व्यक्त किया है, साथ ही विश्वास दिलाया है कि, पुरस्कार की नई ऊर्जा से और बेहतर कार्य करेंगे।

    इस उपलब्धि पर पत्रकार रोहित त्रिवेदी, लेखक लक्ष्मीकांत पंडित, ग़ज़लकार अंजुमन मंसूरी ‘अंजुम’ और अन्य शुभचिंतकों ने भी शुभेच्छा व्यक्त की है।

◾विराट अलंकरण ने इतिहास रच दिया-उषा ठाकुर

  इस अवसर पर संस्कृति मंत्री सुश्री ठाकुर ने कहा कि, चाहिए कि, मेरा यह स्पष्ट मत है कि साहित्य सदैव राजनीतिक नेतृत्व को दिशा देता चला आया है। साहित्य और समाज सदैव एक-दूसरे के पूरक बनकर साथ चलते हैं। राजनीतिक क्षेत्र भी साहित्य क्षेत्र से परे नहीं है, क्योंकि राजनीति और साहित्य दोनों ही समाज के प्रति जवाबदेह होते हैं, इसलिए इन दोनों क्षेत्रों को यह चिंता करना करना चाहिए कि हम अपने प्रदेय से देश और समाज को क्या दे रहे हैं। हमारी राष्ट्रीय चेतना और सांस्कृतिक जीवन मूल्यों का क्षरण जिनका शौक बन गया है, ऐसे तत्वों से सतर्क रहकर के साहित्य का सृजन करने की आज आवश्यकता है। संभवतः आज का आयोजन एक बड़ा कीर्तिमान सिद्ध होगा। 

◾साहित्यकार बनाता है समाज-श्री राणा 

  इस अवसर पर अभिनेता और उपन्यासकार आशुतोष राणा ने कहा कि, साहित्यकार समाज का निर्माण करता है। नेता और अभिनेता को समाज बनाता है, जबकि समाज को साहित्यकार बनाता है। आपने मंत्रालय से आग्रह किया कि भविष्य में प्रत्येक वर्ष के सम्मान प्रतिवर्ष दिए जाएं और सम्मानित होने वाले रचनाकारों के साहित्य को प्रदर्शित करने की व्यवस्था भी बनाई जाए, ताकि पाठक वर्ग उन रचनाकारों की रचनाधर्मिता से परिचित हो सके।

◾अकादमी गाँव-गाँव तक पहुंची-डॉ. दवे 

 स्वागत उद्बोधन में निदेशक डॉ. दवे ने कहा कि, अकादमी आज गाँव-गाँव तक पहुंची है। युवा रचनाकारों की एक विराट टोली तैयार हो गई है। उन्होंने सहर्ष कहा कि, मैं साहित्य अकादमी के माध्यम से रणजी की टीम को इंटरनेशनल टेस्ट मैच खेला रहा हूँ। हम इस बात का गर्व अनुभव करते हैं कि, मध्यप्रदेश शासन ने साहित्य के क्षेत्र में जितने नवाचार किए हैं, वह आज पूरे प्रदेश के गाँव-गाँव और जनजातिय बहुल क्षेत्रों के दूरस्थ फालियों तक पहुंच गए हैं।

इस अवसर पर संचालक श्री त्रिपाठी ने भी संबोधित किया।आभार प्रदर्शन डॉ. दवे ने किया। 

◾इन्हें मिले राष्ट्रीय पुरस्कार-
इस आयोजन में वर्ष २०१८ के लिए पं. माखनलाल चतुर्वेदी पुरस्कार डॉ. रामदीन त्यागी, गजानन माधव मुक्तिबोध पुरस्कार अभियंता आशा शर्मा, राजा वीरसिंह देव पुरस्कार कृष्णा अग्निहोत्री, आचार्य रामचंद्र शुक्ल पुरस्कार इंदौर के प्रो. मिथिला प्रसाद त्रिपाठी, पं. भवानी प्रसाद मिश्र पुरस्कार कांति शुक्ला, अटल बिहारी वाजपेयी पुरस्कार आचार्य देवेंद्र कुमार, कुबेरनाथ राय पुरस्कार इंदौर के नर्मदा प्रसाद उपाध्याय, विष्णु प्रभाकर पुरस्कार महेश सोनी, निर्मल वर्मा पुरस्कार डॉ. आनंद प्रकाश शर्मा, महादेवी वर्मा पुरस्कार डॉ. मंजरी शुक्ला, प्रो. विष्णुकांत शास्त्री पुरस्कार राजेंद्र उपाध्याय, भारतेंदु हरिश्चंद्र पुरस्कार इंदौर के अरविंद जवलेकर और नारद मुनि पुरस्कार इंदौर के केशव गुप्ता को दिया गया। इसी तरह

२०१९ के लिए यही पुरस्कार डॉ. मनोज पांडेय, सच्चिदानंद जोशी, प्रो. मनीषा शर्मा, डॉ. कविता भट्ट, डॉ. आरपी सारस्वत, डॉ. इंदु राव, आर.के. जैन, डॉ. कुलदीप अग्निहोत्री, प्रो. सूर्यप्रकाश चतुर्वेदी (इन्दौर), डॉ. सुधा गुप्ता और नारद मुनि पुरस्कार इंदौर के अजय जैन ‘विकल्प’ को दिया गया। उक्त पुरस्कार २०२० के लिए शिखर चंद जैन, डॉ. दिनेश पाठक शशि, अभिनेता आशुतोष राणा (रामराज्य- उपन्यास), डॉ. शंभू सिंह मनहर, डॉ. वीरेंद्र, सविता दास, ‘सवि’, डॉ. विधि नागर, डॉ. अंजनी कुमार झा, ललित कुमार, विजय मनोहर तिवारी, विमला भंडारी एवं डॉ. दामोदर खड़से को दिया गया। इस कार्यक्रम में २०२१ के लिए प्रो. प्रकाश मणि त्रिपाठी, डॉ. प्रभा पंत, बलवीर सिंह करुण, डॉ. सत्य प्रकाश पाल, डॉ. रामवल्लभ आचार्य, डॉ. आनंद सिंह, डॉ. रजनीश कुमार शुक्ल, दिनेश पाठक, प्रो. अजहर हाशमी, डॉ. भैरूलाल गर्ग, इंदौर से ज्योति जैन, डॉ. क्रांति कनाटे और लोकेंद्र सिंह को दिया गया।

◾इनको मिले प्रादेशिक-
वर्ष २०१८ के लिए वृंदावन लाल वर्मा पुरस्कार इंदौर के आलोक शर्मा, सुभद्रा कुमारी चौहान पुरस्कार गोकुल प्रसाद सोनी, श्रीकृष्ण सरल पुरस्कार प्रतीक सोनवलकर, आचार्य नंद दुलारे वाजपेयी पुरस्कार इंदौर के राधेश्याम आचार्य, हरिकृष्ण प्रेमी पुरस्कार संजय श्रीवास्तव, राजेन्द्र अनुरागी पुरस्कार ब्रजेश राजपूत, पं. बालकृष्ण शर्मा पुरस्कार सीमा शर्मा, ईसुरी पुरस्कार महेश चन्द्र जोशी, हरिकृष्ण देवसरे पुरस्कार ओमप्रकाश क्षत्रिय, नरेश मेहता पुरस्कार पवन सक्सेना, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार इंदौर के प्रताप सिंह सोढ़ी, सेठ गोविंद दास पुरस्कार दविन्दर सिंह ग्रोवर, शरद जोशी पुरस्कार आशीष दशोत्तर, वीरेन्द्र मिश्र पुरस्कार यतीन्द्रनाथ राही तथा दुष्यंत कुमार पुरस्कार इंदौर के अनिल त्रिवेदी को मिला। यही सम्मान-पुरस्कार २०१९ के लिए इंदौर के अश्विनी कुमार दुबे, इंदौर की डॉ. गरिमा दुबे, प्रसाद सक्सेना, इंदौर की डॉ. बूला कार, अशोक मनवानी, राजेश अवस्थी ‘लावा’, डॉ. अन्नपूर्णा सिसोदिया, आचार्य दुर्गाचरण शुक्ल, डॉ. प्रेमलता नीलम, संदीप शर्मा, जैनेन्द्र कुमार जैन पुरस्कार कर्नल डॉ. गिरिजेश सक्सेना (भोपाल), डॉ. सुधीर कुमार नेमा, मीरा जैन (उज्जैन), राजेन्द्र प्रसाद शर्मा और डॉ. प्रियंका त्रिपाठी को दिया गया।
२०२० के लिए इस पुरस्कार से डॉ. जयनारायण बैरागी, संतोष कुमार मोहंती (इंदौर), मुरलीधर चांदनीवाला, डॉ. राजेश श्रीवास्तव, साधना श्रीवास्तव, आलोक सेठी खंडवा, जगत प्रकाश शर्मा, अखिलेश जोशी, महेश प्रसाद सक्सेना, विशाल कलम्बकर, संतोष सुपेकर, डॉ. नाथूराम राठौर, सुरेश शर्मा, श्याम सुंदर तिवारी और हेमराज नामदेव को अलंकृत किया गया। इसी वर्ग में २०२१ के लिए अकादमी ने डॉ. ममता चन्द्रशेखर, पुरुषोत्तम प्रसाद गौतम, यशवंत सिंह चौहान, गोविंद गुंजन, प्रियंका शक्ति ठाकुर, दिनेश प्रभात, राजेन्द्र गट्टानी, प्रमोद भार्गव, डॉ. अर्जुन दास खत्री, राधारानी चौहान, डॉ. अखिलेश बार्चे, श्रीपाद जोशी, डॉ. पिलकेन्द्र अरोरा, उदयसिंह मण्डलोई और सतीश राठी इंदौर को पुरस्कार दिया।