कुल पृष्ठ दर्शन : 288

ये दिल तुम्हें याद करता है

मोहित जागेटिया
भीलवाड़ा(राजस्थान)
**************************************************************************

ये दिल तुम्हें याद करता है हर बार,
तुम सावन की रिमझिम-रिमझिम हो फुहार।
इस जीवन के सफर में हमसफर बन कर,
इस दिल में तुम हो,मिला तुम्हारा प्यार॥

इस जीवन की तुम रोज नई प्रभात हो,
महके जो जिंदगी वो तुम बरसात हो।
इस जीवन का अब अंधकार मिट जाए,
आज सपने सच होते तुम मेरी रात हो॥

ये मन मेरा भी व्याकुल हो जाता है,
जब ये दिल उन ख्वाबों में खो जाता है।
जब-जब तन्हा होता मेरा ये दिल भी,
उस पल तेरी यादों में रो जाता है॥

मेरे जीने की तुम मेरी नई आस हो,
दूर नहीं अब रोज तुम मेरे पास हो।
मेरे दिल के फूलों की कलियाँ अब तुम,
अब पतझड़ नहीं तुम मेरा मधुमास हो॥

परिचय–मोहित जागेटिया का जन्म ६ अक्तूबर १९९१ में ,सिदडियास में हुआ हैl वर्तमान में आपका बसेरा गांव सिडियास (जिला भीलवाड़ा, राजस्थान) हैl यही स्थाई पता भी है। स्नातक(कला)तक शिक्षित होकर व्यवसायी का कार्यक्षेत्र है। इनकी लेखन विधा-कविता,दोहे,मुक्तक है। इनकी रचनाओं का प्रकाशन-राष्ट्रीय पत्र पत्रिकाओं में जारी है। एक प्रतियोगिता में सांत्वना सम्मान-पत्र मिला है। मोहित जागेटिया ब्लॉग पर भी लिखते हैं। आपकी लेखनी का उद्देश्य-समाज की विसंगतियों को बताना और मिटाना है। रुचि-कविता लिखना है।

Leave a Reply