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रक्षा करना भाई…

डॉ. पुनीत कुमार द्विवेदी
इंदौर (मध्यप्रदेश)
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पूरनमासी सावन की भैया की भरे कलाई।
रक्षा करना-रक्षा करना-रक्षा करना भाई…॥

एक प्रेम की गांठ है ये जो जीवन का चन्दन है,
वचन और संकल्प निभाने का ये दृढ़ बंधन है।
संकल्प ना टूटे रोक सके कोई पहाड़ या खायी,
रक्षा करना-रक्षा करना-रक्षा करना भाई…॥

इस दिन बहना भाई को पूरब मुँह कर बैठाती,
अनामिका से भैया के माथे पर तिलक लगाती।
दाहिने हाथ में राखी बंधे और खिलाये मिठाई,
रक्षा करना-रक्षा करना-रक्षा करना भाई…॥

केवल भाई बहनों का त्यौहार नहीं है राखी,
राष्ट्रभक्ति भारत माँ की रक्षा का प्रण है राखी।
आओ राष्ट्र ध्वजा पर बांधें राखी बहनों-भाई,
रक्षा करना-रक्षा करना-रक्षा करना भाई…॥

यह बंधन ऐसा है जो आलोक शक्ति देता है,
धर्म-जाति से परे सर्व कुछ अर्पण कर देता है।
भारत माँ की रक्षा हित हम सब हैं भाई-भाई,
रक्षा करना-रक्षा करना-रक्षा करना भाई…॥