डॉ. योगेन्द्र नाथ शुक्ल
इन्दौर (मध्यप्रदेश)
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ऐसा कई बार हुआ था। आज भी उसकी उंगली ‘सिंह’ राशि पर टिक गई और वह अपने अतीत में खो गया।…पूरे २० वर्ष हो गए उसे देखे! क्या पता, उसे मेरी याद भी आती होगी या नहीं ? न जाने कहां होगी ? किस हाल में होगी ? उस समय सुना था कि, उसका पति अहमदाबाद में इंजीनियर है। अभी उस पर शनि की साढ़े साती चल रही है। भगवान! उसे कोई कष्ट मत देना, भले ही उसकी जगह मुझे… उसकी आँखें नम होनी शुरू हो गईं।
पत्नी उसके चेहरे के उतार-चढ़ाव को देख रही थी।
“सुनिए! मैं वर्षों से देख रही हूँ कि, आप जब भी भविष्य फल देखते हैं, तो सिंह राशि का भविष्यफल जरूर पढ़ते हैं…, जबकि अपने परिवार में इस राशि का कोई नहीं!”
पत्नी की आवाज सुनकर उसके वे बिम्ब टूटने लगे।
“कुछ नहीं…बस ऐसे ही!” वह अपने चेहरे के भाव को छुपाता हुआ, दूसरे कमरे की और चला गया।
…सिंह राशि पत्नी के लिए आज भी रहस्य ही बनी रही।