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राम जी मन में

रीता अरोड़ा ‘जय हिन्द हाथरसी’
दिल्ली(भारत)
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राम मेरे मन में हैं,
राम मेरे तन में है
राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं,
राम मेरे सर्वोत्तम हैं।

राम मेरे सुख में हैं,
राम मेरे दु:ख में हैं
राम मेरे घर में हैं,
राम मेरे अंतर्मन में हैं।

राम मेरे सावन में हैं,
राम मेरे भादो में हैं
राम मेरी यादों में हैं,
राम मेरे ख्वाबों में हैं।

राम मेरे बाहर भी हैं,
राम मेरे हृदय में हैं
राम मेरे इर्द-गिर्द हैं,
राम मेरे सब-कुछ हैं।

राम जी सबके मन में हैं,
राम मेरे जन-जन में है
राम की अवध जन्मभूमि है,
राम मेरे पृथ्वी हैं।

राम मेरे धरती है,
राम मेरे आकाश हैं
राम मेरे पाताल हैं,
राम तीनों लोक हैं।

राम बसे त्रिलोक हैं,
राम सारी ऋतुएं हैं
राम मेरे फूल हैं,
दुष्टों के शूल हैं।

राम मेरे सर्दी हैं,
राम ही गर्मी है
राम मन के मनके हैं,
माला के एक सौ आठ मनके हैं।

राम मेरे खुश हैं,
राम लव कुश हैं
राम चारों धाम हैं,
राम ही घनश्याम हैं।

राम अयोध्या धाम है,
हम मंदिर २०२४ में बनाएंगे
राम जल्दी अवध मंदिर आएंगे,
हम दर्शन करने जाएंगे।

राम षोडश कला पूर्ण,
कृष्ण षोडश कला परिपूर्ण
दोनों ही वंदनीय हैं,
राम-कृष्ण अभिनंदनीय हैं।

राम गंगा जल है,
राम सेतु का वर्णन है
राम मुक्ति धाम है,
जहाँ सबको विश्राम है।

राम चाँद-तारों में है,
राम कुतुब मीनारों में है
राम गुंबद मीनारों में है,
राम विभीषण के प्यारों में है।

राम हनुमान के मित्र हैं,
राम जी सच्चरित्र हैं।
राम ही रामायण है,
राम भजनों का गायन हैं॥

परिचय-रीता अरोड़ा लेखन जगत में ‘जयहिन्द हाथरसी’ के नाम से जानी जाती हैं। स्थाई निवास दिल्ली में ही है। १९६४ में १४ मार्च को हाथरस (अलीगढ़, उप्र) में जन्म हुआ है। आपने बी.ए. और बी.एड. की शिक्षा प्राप्त की है। मानद उपाधि ‘विद्या वाचस्पति’ से भी सम्मानित हैं। लम्बे समय से लेखन में सक्रिय रीता जी ने कोरियर कम्पनी में २५ वर्ष कार्य किया है। कवि इंद्रजीत तिवारी और निर्भीक जी के साथ ही काव्य की शिक्षा दिल्ली से भी हासिल की है। आपके लिए प्रेरणापुंज
साहित्यकार डाॅ. अशोक कश्यप एवं जगदीश मित्तल हैं। पुस्तकें पढ़ना, धार्मिक-ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण एवं लेखन कार्य ही आपका मनपसंद काम है। साहित्य में हास्य और श्रृंगार विधा में सृजन करनेवाली रीता अरोड़ा साहित्यिक क्षेत्र में राष्ट्रीय कवि संगम द्वारा काव्य गोष्ठी में दिल्ली प्रांत से २०१५ में जुड़ी हैं। यह सभी विधाओं में लेखन करती हैं। आपकी २ एकल पुस्तक-‘गिफ्टं शरणं गच्छामि’ और ‘सुवासित काव्यं पुष्पम्’ प्रकाशित है तो करीब १५१ साझा संग्रह में रचनाएँ छपी हैं। सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर आप कई साहित्यिक-समाजसेवी संस्थाओं में पद पर और आजीवन सदस्यता में भी जुड़ी हुई हैं। देशसेवा, पशु-पक्षियों से लगाव, साहित्य से प्रेम के साथ ही इनका पसंदीदा खेल बैडमिंटन, कैरम और शतरंज है। साहित्य में इनकी उपलब्धि यही है कि, बहुत पत्रिकाओं और समाचार-पत्रों में कहानी, निबंध, शायरियाँ, और हास्य लेख प्रकाशित हैं। विशेषज्ञता आलेख तथा गीत लेखन में है। विश्व गुरु भारत परिषद-२०१७, काव्य सम्मान, जयहिन्द मंच से सम्मान, स्वच्छ भारत अभियान सम्मान, दर्पण पत्रकारिता सम्मान, विद्या सागर सम्मान, विद्या सागर भारत गौरव सम्मान, भारत-नेपाल अंतर्राष्ट्रीय मैत्री काव्य भूषण सम्मान, भारत-भूटान अंतर. मैत्री, साहित्य साधना उत्तम प्रतिभा प्रदर्शन सम्मान, ट्रू मीडिया काव्य अक्षर सम्मान व अशोक चक्र (गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड) दोहा सृजन अंतरराष्ट्रीय सम्मान सहित विभिन्न सम्मान आपको मिले हैं। इनकी की लेखनी का लक्ष्य “हिन्दी साहित्य में योगदान देना और देश में हिन्दी के प्रति जागरूकता लाना है।”